Lok Sabha Elections 2024: कर्नाटक में 2008 में हुए परिसीमन बाद के बाद अस्तित्व में आया दक्षिण कन्नड़ लोकसभा क्षेत्र पहले मैंगलोर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था.
17 April, 2024
कांग्रेस ने आर. पद्मराज को मैदान में उतारा
बीते दो दशकों में कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों ने कई अहम सामाजिक और आर्थिक बदलाव देखे हैं. दक्षिण कन्नड़ इलाके में हिंदू मुस्लिम विचारधाराओं के बराबर बढ़ने से अब इस सीट पर चुनावी लड़ाई काफी रोमांचक हो गई है. वैसे बीजेपी ये सीट बीजेपी का गढ़ रही है. मौजूदा सांसद नलिन कुमार कतील 2009 से लगातार इस सीट से सांसद हैं. इस सीट की अहमियत को देखते हुए पीएम मोदी 14 अप्रैल को इस इलाके में रैली भी कर चुके हैं.कांग्रेस ने इस सीट से नए चेहरे को मैदान में उतारा है. आर. पद्मराज पेशे से वकील हैं और समाज सेवा भी करते हैं. बीजेपी ने भी इस बार अपना उम्मीदवार बदल दिया है. इस बार बीजेपी ने भारतीय सेना के पूर्व कैप्टन ब्रिजेश चौटा को टिकट दिया है. चौटा 2013 से बीजेपी से जुड़े हुए हैं. वे संगठन में कई पदों पर रह चुके हैं. पिछले छह सालों से मंगलुरु कंबाला का आयोजन कर रहे हैं और मंगलुरु लिटफेस्ट से भी जुड़े हुए हैं.
कांग्रेस उम्मीदवार को भरोसा है कि राज्य सरकार की योजनाओं और मौजूदा सांसद के रवैये की वजह से उन्हें जीत मिल जाएगी. इलाके की राजनीति के जानकार लोगों का मानना है इस सीट पर कांटे की टक्कर होगी. इस इलाके में सांप्रदायिक घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि इस बार चुनावों में ये अहम मुद्दा है। वैसे वोटरों की राय काफी बंटी हुई है. कर्नाटक में 2024 के आम चुनाव दो चरणों में होंगे। दक्षिण कन्नड़ में 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.
बीजेपी उम्मीदवार ब्रजेश चौटा का बयान
ब्रजेश चौटा (बीजेपी उम्मीदवार, दक्षिण कन्नड़ लोकसभा सीट) का कहना है कि ये बीजेपी का गढ़ था और है और यह बीजेपी का गढ़ रहेगा. मुझे ईमानदारी से लगता है कि दक्षिण कन्नड़ में कर्नाटक का आर्थिक विकास इंजन बनने की क्षमता है. ये कर्नाटक राज्य की जीडीपी में एक सुविधा देने वाला और सबसे ज्यादा योगदान देने वाले के तौर पर काम कर सकता है. पीएम मोदी के मार्गदर्शन और 2047 के लिए उनके विकसित भारत के दृष्टिकोण के तहत, सभी विधायकों की राय लेने के बाद हम एक विकसित दक्षिण कन्नड़ बनाएंगे.
कांग्रेस के जनता से वादे
आर पद्मराज (उम्मीदवार, कांग्रेस) के अनुसार, जब कांग्रेस सांसदों ने संसद में मैंगलोर का प्रतिनिधित्व किया, तो हमारे पास बंदरगाह, हवाई अड्डा, रेलवे, सड़क परिवहन, एमआरसीएल आदि थे, जब कांग्रेस ने संसद में प्रतिनिधित्व किया था, तब मैंगलोर आया था. पिछले 33 वर्षों में बीजेपी के प्रतिनिधि इस तरह का एक भी प्रोजेक्ट लेकर नहीं आए। कोई निवेश नहीं, मैंगलोर एक सांप्रदायिक रूप से अशांत स्थान है.
हरीश राय (पत्रकार) के मुताबिक, अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस का गढ़ हो सकता है, लेकिन दक्षिण में उनकी गारंटी मदद नहीं कर सकती है हालांकि कम वेतन वाले लोग दक्षिण के राज्यों में कांग्रेस को कुछ प्रतिशत वोट देने में योगदान दे सकते हैं. राज्य में सत्ताधारी पार्टी ने बहुत काम किया है, बीजेपी ने भी बहुत काम किया है. हालांकि अभी भी कुछ चीजों पर काम करना बाकी है.
दक्षिण कन्नड़ के निवासी का कहना है कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की लहर ज्यादा है. पिछले 60-65 साल में कांग्रेस ने अच्छा काम किया है. पिछले 10 साल से बीजेपी यहां थी, लेकिन हमें कोई गारंटी नहीं मिली.
मैंगलोर की जनता की बड़ी मांगे
एक अन्य दक्षिण कन्नड़ के मुताबिक, हम मैंगलोर में शांति चाहते हैं, अपने निवास में, मैं अपने पड़ोस को खराब नहीं करना चाहता, मुझे पसंद नहीं है जब मुसलमानों को जगह नहीं दी जाती है और न ही अनुमति दी जाती है. सांप्रदायिक समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए और यह वोट देने का एक मानदंड है.
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