3 Feb 2024
कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है । उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को खत्म करने में लगी हुई है । उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार पारदर्शिता का बहाना बनाकर हमारी सरकार में शुरू की गई आधार तकनीक को गरीबों के खिलाफ ही इस्तेमाल कर रही है । जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि 2004 के लोकसभा चुनाव में हमने जो वादा जनता से किया था । उसे एक साल के अंदर ही पूरा करते हुए 2005 में कानून पारित किया और 2006 में मनरेगा की शुरुआत हो गई । ग्रामीण भारत को विकसित बनाने में इस योजना ने अहम भुमिका निभाई है ।
भारत के विकास में मनरेगा का अहम योगदान
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि नरेंद्र मोदी के लिए मनरेगा श्रमिकों का अपमान करना कोई नई बात नहीं है । उनका एक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है । मोदी जी तो कहते हैं कि इसमें तो सिर्फ ग़रीबों से गड्ढा खुदवाया जाता है, लेकिन उन्हें ये नहीं पता है कि भारत के विकास में मनरेगा श्रमिक अहम योगदान दे रहें हैं। साल 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मनरेगा को कांग्रेस की विफलताओं की याद के रूप में जिंदा रखेंगे, लेकिन कोविड लॉकडाउन के दौरान उन्हें इसकी कीमत समझ में आ गई ।
कांग्रेस की योजनाओं को खत्म करने में लगे हैं
जयराम रमेश ने कहा कि महामारी के बाद पीएम को ये समझ में आया कि मनरेगा ग्रामीण भारत को फसल के नुक़सान और आर्थिक संकट जैसी आपात स्थितियों के ख़िलाफ़ ‘बैकअप’ देता है । उन्होंने आरोप लगाया कि हम ये समझ रहे हैं कि उनके पूंजीपति मित्र मनरेगा से खुश नहीं हैं और नरेंद्र मोदी अपने अपने अहंकार में कांग्रेस की योजनाओं को खत्म करने की कोशिश में लगे हुए हैं। चाहे फिर ग़रीबों का नुक़सान ही क्यों न हो जाए । उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों कि अगर बात कि जाए तो मनरेगा के लिए बजट में बार-बार कटौती की गई है। 2023-24 में यह जीडीपी का 0.25 प्रतिशत था, जो कि अब तक के इतिहास में सबसे कम था।
7 करोड़ जॉब कार्ड को कर दिया गया डिलीट
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जनवरी 2024 से प्रत्येक मनरेगाकर्मी के लिए आधार-आधारित भुगतान प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है । जिससे श्रमिकों को भारी नुकसान होगा क्योंकि 35 प्रतिशत श्रमिक इसके तहत भुगतान प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं। जयराम रमेश ने दावा किया कि पिछले कुछ सालों में 7 करोड़ जॉब कार्ड को डिलीट कर दिया गया है। सरकार ने राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन बड़ी बात ये है कि देश के कई हिस्सों में आज भी डेटा कनेक्शन नहीं है । कई लोंगो के पास तो स्मार्टफ़ोन न तक नहीं है।