Home National कांवड़ यात्रा के रास्ते में है दुकान तो लिखना होगा मालिक का नाम, ‘अजब फरमान’ पर हैरान कर देगा प्रशासन का तर्क

कांवड़ यात्रा के रास्ते में है दुकान तो लिखना होगा मालिक का नाम, ‘अजब फरमान’ पर हैरान कर देगा प्रशासन का तर्क

by Live Times
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कांवड़ यात्रा के रास्ते में है दुकान तो लिखना होगा मालिक का नाम, 'अजब फरमान' पर हैरान कर देगा प्रशासन का तर्क

Kanwar Yatra 2024 : 22 जुलाई से शुरू होने वाली कावड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन की ओर से लगातार नई दिशा निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं.

18 July, 2024

Kanwar Yatra 2024 : आगामी 22 जुलाई, 2024 से कावड़ यात्रा शुरू हो रही है. इसे देखते हुए मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने कावड़ यात्रा को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के उद्देश्य से एक नया आदेश जारी कर दिया है. इस फैसले की राजनेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों ने आलोचना की है. दरअसल, जिला पुलिस की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर जो भी दुकानें होगी उसके मालिक को अपना नाम दुकान पर लिखना होगा. विपक्ष इस आदेश पर सवाल उठा रहा है.

आदेश को अखिलेश ने बताया सामाजिक अपराध

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उस आदेश की निंदा की है जिसमें मुजफ्फरनगर के कांवड़ मार्ग पर भोजनालयों को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है. अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर कहा कि ऐसा आदेश एक ‘सामाजिक अपराध’ है और अदालतों से इस मामले पर संज्ञान लेने के लिए भी कहा है.

माननीय अदालत मामले पर लें स्वत: संज्ञान

मुजफ्फरनगर में पुलिस ने किसी भी ‘भ्रम’ से बचने के लिए कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है. इस फैसले की राजनेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों ने आलोचना की है. विपक्षी दलों द्वारा इस कदम को मुस्लिम व्यापारियों को निशाना बनाने के रूप में देखा जा रहा है. आदेश पर एक समाचार लेख पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा कि माननीय अदालत को इस मामले का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और सरकार की मंशा की जांच करनी चाहिए और उचित दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं उन्होंने इस आदेश को ‘सामाजिक अपराध’ भी बताया.

आदेश के पीछे की दलील

मुजफ्फरनगर के पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने सोमवार को कहा कि लगभग 240 किलोमीटर का कांवड़ यात्रा मार्ग जिले में पड़ता है. मार्ग पर पड़ने वाले होटल, ढाबों और ठेलों सहित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों या काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है. साथ ही पुलिस ने इस आदेश की दलील देते हुए बताया कि ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि कांवड़ियों के बीच कोई भ्रम न हो और कानून-व्यवस्था की कोई स्थिति उत्पन्न न हो. सभी स्वेच्छा से इसका पालन कर रहे हैं.\

यह भी पढ़ें : NEET-UG की दोबारा परीक्षा कराने पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?

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