PAN Masala Packaging: पान मसाला को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) विनियमन को बरकरार रखा है.
11 July, 2024
PAN Masala Packaging : दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने पान मसाला पैकेट पर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली वैधानिक चेतावनियों का आकार पहले के 3 मिमी से बढ़ाकर लेबल के सामने 50 प्रतिशत करने के खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI के फैसले को बरकरार रखा है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस फैसले के साथ ही पान मसाला निर्माता की याचिका खारिज कर दी. इसमें अक्टूबर, 2022 में FSSAI द्वारा जारी एक अधिसूचना को चुनौती दी थी और कहा गया था कि जनादेश स्वास्थ्य में व्यापक सार्वजनिक हित की रक्षा के विधायी इरादे को प्रभावी बनाता है. इसके साथ ही यह भी तर्क दिया गया था कि यह निर्माता को होने वाले व्यक्तिगत नुकसान से कहीं अधिक है.
कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार, लेबल के सामने चेतावनी का आकार 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का खाद्य प्राधिकरण का निर्णय विशेषज्ञ अध्ययन और रिपोर्ट सहित प्रासंगिक सामग्री के ‘ठोस विचार-विमर्श’ पर आधारित है, जिससे पता चला कि पान मसाला में सुपारी का उपयोग उपभोक्ताओं के लिए बेहद खतरनाक था और इसलिए चेतावनी को बढ़ाने की आवश्यकता थी.
नई पैकेजिंग को फॉलो करने के लिए मांगा समय
याचिकाकर्ता धरमपाल सत्यपाल लिमिटेड, पान मसाला ब्रांड रजनीगंधा, तानसेन और मस्तबा के व्यापारी और इसके शेयरधारकों में से एक ने याचिका खारिज होने पर नई पैकेजिंग आवश्यकता का पालन करने के लिए ‘पर्याप्त समय’ भी मांगा था. वहीं, कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता कंपनी को अपने उत्पाद की पैकेजिंग बदलने और नियमों का पालन करने के लिए पहले ही पर्याप्त समय दिया जा चुका है. इसमें कहा गया है कि आक्षेपित विनियमन के दायरे में हमारे निष्कर्षों के मद्देनजर हम याचिकाकर्ता को उसके उत्पाद की पैकेजिंग के परिवर्तन की अनुमति के लिए कोई और समय देने के इच्छुक नहीं हैं.
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