Political Crisis In Haryana: कांग्रेस प्रमुख उदय भान (Haryana Congress chief Uday Bhan) 3 निर्दलीय विधायकों द्वारा हरियाणा सरकार से समर्थन वापस लेने का दावा किया है.
07 May, 2024
Political Crisis In Haryana: हरियाणा में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार पर सियासी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान (Haryana Congress chief Uday Bhan) का दावा है कि तीन निर्दलीय विधायकों ने राज्य में सत्तासीन नायब सिंह सैनी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. यहां पर बता दें कि इस साल के अंतिम महीनों में हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 होना है. इससे पहले अपना समर्थन वापस लेने का कांग्रेस बड़ा संकट करार दे रही है. हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान ने रोहतक में पत्रकार वार्ता में कहा कि हरियाणा सरकार अल्पमत में है. वहीं, पीसी में मौजूद सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलेन और धर्मपाल गोंडर ने भी कहा कि उन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है.
Political Crisis In Haryana अल्पमत में BJP सरकार
वहीं, रोहतक लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Congress candidate from Rohtak Lok Sabha seat Deepender Singh Hooda) ने कहा कि प्रदेश में हालात भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बन गए हैं. ऐसे में बदलाव निश्चित है भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है.
Political Crisis In Haryana कांग्रेस को दिया निर्दलीय एमएलए ने समर्थन
दीपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि 48 विधायकों की सूची दी है, उनमें से कुछ विधायकों के इस्तीफे हुए हैं क्योंकि वे लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. उनका दावा है कि कुछ निर्दलीय विधायकों ने मंगवलार को भाजपा से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन देने का काम किया है.
Political Crisis In Haryana नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस पर किया हमला
उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुछ निर्दलीय विधायकों द्वारा कांग्रेस का समर्थन करने पर कहा कि विधायकों की कुछ इच्छाएं होती हैं, कांग्रेस आजकल इच्छाएं पूरी करने में लगी हुई है. लोग सब जानते हैं कि किसकी क्या इच्छा है. कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से मतलब नहीं है.
गौरतलब है कि पिछले 4 साल से भी अधिक समय से हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की संयुक्त सरकार चल रही थी. कुछ महीने पहले ही JJP ने राज्य सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. बावजूद इसके बहुमत होने पर सरकार चल रही है.
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