Home National भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की फिर उठी मांग, नयी सरकार से लोगों को है उम्मीद

भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की फिर उठी मांग, नयी सरकार से लोगों को है उम्मीद

by Rashmi Rani
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Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: अब आरा लोकसभा सीट पर मतदाताओं के एक वर्ग को उम्मीद है कि चुनाव के बाद भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए नयी सरकार प्रयास करेगी.

31 May, 2024

Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव के छठे चरण का चुनाव हो चुका है. सातवें और आखिरी चरण में 1 जून को आठ लोकसभा सीटों के लिए बिहार में मतदान है. वहीं, अब आरा लोकसभा सीट पर मतदाताओं के एक वर्ग को उम्मीद है कि चुनाव के बाद भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए नयी सरकार प्रयास करेगी.

कहां कहां बोली जाती है भोजपुरी

भोजपुरी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बोली जाती है. भोजपुर जिले का मुख्यालय आरा एक ऐतिहासिक शहर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है, और भोजपुरी इस क्षेत्र की प्रमुख भाषा है, जिसे पहले शाहाबाद के नाम से जाना जाता था, जिसमें वर्तमान जिले बक्सर, रोहतास, कैमूर और पड़ोसी क्षेत्र शामिल हैं.

लंबे समय से हो रही है इसकी मांग

इस प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार में भोजपुरी का स्वाद भी सुना जा सकता है, जहां भाजपा के मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री आर के सिंह जीत की हैट्रिक की तलाश में हैं. सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के उम्मीदवार सुदामा प्रसाद आरा में I.N.D.I.A ब्लॉक के लिए लड़ाई का मोर्चा संभाल रहे हैं. भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की इस पुरानी भाषा को बोलने वाली आबादी की लंबे समय से मांग रही है. पटना स्थित लेखक और फिल्म समीक्षक प्रशांत रंजन का कहना है कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करना एक स्वागत योग्य कदम होगा और इसके मनोरंजन उद्योग पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जहां फूहड़ता ने इसकी पारंपरिक छवि को एक सुंदर के रूप में धूमिल कर दिया है.

आठवीं अनुसूची में कौन कौन सी भाषाएं हैं शामिल

संविधान की आठवीं अनुसूची में ये 22 भाषाएं शामिल हैं – असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, बोडो, संथाली, मैथिली और डोगरी.इन भाषाओं में से 14 को शुरू में संविधान में शामिल किया गया था. सिंधी भाषा 1967 में जोड़ी गई थी. इसके बाद 1992 में तीन और भाषाएं कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली शामिल की गईं. इसके बाद 2004 में बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली जोड़ी गईं.

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