Politics of Familism: हिमाचल के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर को टिकट दिए जाने पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीजेपी की परिवारवाद की राजनीति का समर्थन करने के लिए कड़ी आलोचना की.
15 May, 2024
Lok Sabha Elections 2024: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर को टिकट देकर परिवारवाद की राजनीति का समर्थन करने के लिए बीजेपी की आलोचना की. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल की हमीरपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
BJP का परिवारवाद
PTI को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में सुक्खू ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश में अनुराग ठाकुर जी तो प्रेम कुमार के बेटे हैं, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे हैं. तो ये सब न मैंने फिर कहा ये जो कहावत हैं, वो कहावत ही रह जाती है. अब अनुराग ठाकुर जी प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं. जनता ने ये तय करना है ना कि परिवारवाद है या नहीं, 20 साल से उनको जीता रही है पर भारतीय जनता पार्टी बोलती है परिवारवाद के खिलाफ है तो फिर क्यों नहीं देते उनको आप.’
हिमाचल की हमीरपुर लोकसभा सीट
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल की हमीरपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा और छह विधानसभा सीटों के लिए उप-चुनाव एक जून को होंगे.
कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए वादे
कांग्रेस के घोषणापत्र में पूरे देश में आर्थिक और जाति जनगणना कराने के वादे पर सुक्खू ने कहा, ‘भारत कई जाति, कई धर्मों, कई बोलियों का देश है पर इसकी संस्कृति एक है. इसका जीवन जीने का तरीका एक है तो ये राजनीति होती है औऱ चुनावों के वक्त ऐसी बातें होती हैं. ऐसी कोई बात नहीं है कि पहले जातीय जनगणना नहीं हुई, क्यों नहीं हुई? कई बार हुई. अभी इसमें क्या दो राय है. जातीय जनगणना के हिसाब से ही तो पहले बजट बनते थे.’
विचारधारा और प्रतिनिधित्व
पीएम मोदी बनाम राहुल गांधी को लेकर केंद्रित सर्वेक्षणों पर प्रतिक्रिया देते हुए सुक्खू ने कहा, ‘सभी दल एक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं. बीजेपी का प्रतिनिधित्व उसकी विचारधाराओं और प्रतीकों के माध्यम से एक राष्ट्रीय नेता द्वारा किया जा रहा है. हमारी पार्टी का प्रतिनिधित्व राहुल गांधी कर रहे हैं, जो हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हैं. लेकिन उनका कांग्रेस और उसकी विचारधाराओं के प्रति लगाव है. जब उन्होंने देखा कि देश में अराजकता है, उन्होंने कन्याकुमारी तक पदयात्रा की. इसलिए ये राष्ट्रीय नेता किसी न किसी तरीके से अपनी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और फिर लोग पार्टी की विचारधारा, प्रतीक पर मतदान करते हैं और ये नेता केवल विचारधारा का विस्तार करते हैं.’
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