Delhi Liquor Policy 2021 Scam Case: दिल्ली शराब नीति 2021 घोटाला मामले में कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीआरएस नेता के. कविता को बड़ा झटका दिया है.
23 April, 2024
Delhi Liquor Policy 2021 Scam Case: दिल्ली की अदालत ने कथित उत्पाद शुल्क घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत (BRS leader K. Judicial custody of Kavita) आगामी 7 मई तक बढ़ा दी. इसे अरविंद केजरीवाल के एक तरह से झटका माना जा रहा है.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद बढ़ाई हिरासत
मिली जानकारी के अनुसार, रिमांड अवधि खत्म होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किए जाने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) मामलों की विशेष जज कावेरी बावेजा ने उनकी हिरासत बढ़ा दी. सुनवाई के बाद जज ने सीबीआई के जांच किए जा रहे संबंधित भ्रष्टाचार मामले में तेलंगाना एमएलसी और पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता की न्यायिक हिरासत भी आगामी 7 मई तक के लिए बढ़ा दी है.
केजरीवाल सरकार पर लगे गंभीर आरोप
सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार पर दिल्ली शराब नीति 2021 घोटाला मामले में बड़ा आरोप लगाया था. भाजपा का आरोप था कि AAP सरकार की नई नीति के चलते दिल्ली के राजस्व में भारी कमी हुई. भाजपा ने तर्क दिया था कि जहां 750 एमएल की एक शराब की बोतल 530 रुपये में मिलती थी और उसे बोतल पर रिटेल कारोबारी को 33.35 रुपये का मुनाफा होता था. वहीं, 223.89 रुपये उत्पाद कर और 106 रुपये वैट के रूप में सरकार को मिलता था. इस तरह दिल्ली सरकार को प्रत्येक बोतल पर 329.89 रुपये का प्रॉफिट होता था.
रिटेल कारोबारियों को हुआ इजाफा
उधर, नई शराब नीति में 750 एमएल की बोतल का दाम 530 रुपये से बढ़ाकर 560 रुपये कर दिया गया. इसके बाद रिटेल करोबीरारी का फायदा सीधे 33.35 से बढ़कर 363.27 रुपये तक पहुंच गया. आरोप है कि अरविंद केजरीवाल सरकार के इस फैसले से रिटेल कारोबारियों को 10 गुना का लाभ होने लगा. इसके उलट सरकार को मिलने वाला 329.89 रुपये का लाभ घटकर 3.78 पैसे रह गया. इसमें 1.88 रुपये उत्पाद शुल्क और 1.90 रुपये वैट भी शामिल है.
सरकार की नई नीति आने के बाद 750 एमएल की बोतल का दाम 530 रुपए से बढ़ाकर 560 रुपए कर दिया गया. इससे रिटेल करोबी का मुनाफा 33.35 से बढ़कर सीधे 363.27 रुपए पहुंच गया. यानि रिटेल कारोबारियों को सीधे 10 गुना का फायदा होने लगा. वहीं सरकार को मिलने वाला 329.89 रुपए का फायदा घटकर 3.78 पैसे रह गया. इसमें 1.88 रुपए उत्पाद शुल्क और 1.90 रुपए वैट शामिल है.
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