Parliament Session: राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के साथ विपक्षी सांसदों की हुई तीखी नोकझोंक को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सदन के प्रत्येक सदस्य को अपनी मर्यादा में रहकर बोलना चाहिए.
9 August, 2024
Parliament Session: संसद (Parliament) का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) अब तक काफी हंगामेदार रहा है. राज्यसभा (Rajya Sabha) में विपक्षी सांसदों और सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के बीच शुक्रवार को तीखी नोकझोंक देखी गई. विपक्षी सांसदों के साथ हुई तीखी नोंकझोक को लेकर राज्यसभा के संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के किसी भी सदस्य को सभापति के अधिकार को चुनौती नहीं देनी चाहिए. अध्यक्ष और सभापति दोनों सदन के संरक्षक हैं और सदन की अध्यक्षता करते हैं. हम नियमों और स्थापित परंपराओं से बंधे हैं. सदन के प्रत्येक सदस्य को अपनी मर्यादा में रहकर बोलना चाहिए.
सभापति और जया बच्चन के बीच हुई तीखी बहस
उच्च सदन में कार्यवाही के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ और समाजवादी पार्टी (SP) की ओर से राज्यसभा सदस्य जया बच्चन (Jaya Bachchan) के बीच तीखी बहस देखी गई. दरअसल, सदन में उस समय टकराव की स्थिति पैदा हो गई जब जया बच्चन को सभापति ने जया अमिताभ बच्चन कहा. इस पर जया बच्चन भड़क गईं. उन्होंने कहा कि वह कलाकार हैं और बॉडी लैंग्वेज को अच्छी तरह से समझती हैं. जया बच्चन ने सभापति को कहा कि आपकी जो टोन है, वो मुझे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है. इससे पहले भी कई बार सभापति उनको जया अमिताभ बच्चन के नाम से बुला चुके हैं. सदन में जारी तीखी बहस के बाद विपक्षी दलों ने हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया.
विपक्षी सांसदों का बंद कर देते हैं माइक
राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कई विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया है कि सदन में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है. साथ ही बोलते समय बीच में ही उनका माइक बंद कर दिया जाता है. राहुल गांधी समेत कई कांग्रेसी नेता यह आरोप लगा चुके हैं. राज्यसभा में जब विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे बोलने के लिए खड़े हुए तब उनका माइक बंद कर दिया गया.
विपक्ष उपराष्ट्रपति के खिलाफ लाएगा प्रस्ताव
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के व्यवहार को देखते विपक्ष उन्हें पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस देने पर विचार कर रहा है. बता दें कि अनुच्छेद 67 बी के मुताबिक उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के सभी सदस्यों की ओर से पारित और लोकसभा की तरफ से सहमत एक प्रस्ताव पारित कर सभापति को हटाया जा सकता है. इसके लिए 14 दिन का नोटिस दिया जाता है.