Explainer : देश में सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न है. इसको राजनीति, कला, साहित्य और विज्ञान समेत कई अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए दिया जाता है.
30 March 2024
Bharat Ratna Award 3 : भारत रत्न देश का सबसे सर्वोच्च सम्मान है. इसे किसी व्यक्ति को असाधारण और सर्वोच्च सेवा के लिए दिया जाता है. यह सम्मान मुख्य रूप से राजनीति, कला, साहित्य, विज्ञान के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को दिया जाता है. भारत रत्न के लिए सिफारिशें प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती हैं. इसके लिए किसी औपचारिक अनुशंसा की आवश्यकता नहीं है. किसी विशेष वर्ष में वार्षिक पुरस्कारों की संख्या अधिकतम 3 तक सीमित है. इस पुरस्कार की शुरुआत तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने साल 1954 में की थी.
देश में सबसे पहले भारत रत्न पाने वाले गणमान्य
स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक सी. वेकंटरमन को साल 1954 में पहली बार भारत रत्न दिया गया था. वर्ष 1954 में यह पुरस्कार जीवित लोगों को दिया जाता था, लेकिन अगले वर्ष 1955 में इस नियम में बदलाव किया गया. इसके बाद मरणोपरांत भी भारत रत्न दिए जाने का प्रावधान बन गया. भारत रत्न देने की एक प्रक्रिया है. इसके तहत सबसे पहले सूची को आधिकारिक तौर पर भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी की जाती है. पहली बार वर्ष 2013 में खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए भारत रत्न देने का फैसला लिया गया था.
अवॉर्ड मिलने वालों को क्या मिलता है?
भारत रत्न पाने वालों को केंद्र सरकार की तरफ से एक प्रमाणपत्र और एक मेडल दिया जाता है, लेकिन इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है. सरकारी विभाग भारत रत्न से सम्मानित हस्तियों को सुविधा देती है. उदाहरण के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है. वहीं, सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में भी जगह मिलती है. इसके साथ ही प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में प्रतिपक्ष नेता के बाद जगह दी जाती है.
भारत में पद्म सम्मान की शुरुआत कब हुई?
पद्म सम्मान देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है. इसकी शुरुआत वर्ष 1954 में केंद्र सरकार ने की थी. पहले इसको तीन कैटेगरी में बांटने की व्यवस्था बनाई गई थी. फिर बाद में वर्ष 1955 में इसे पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री में बांट दिया गया. इसके बाद से यह परंपरा चलती आ रही है. पद्म सम्मान के लिए भारत सरकार ने कुछ मानक तय किए हैं, जिसमें मुख्य रूप से सामाजिक कार्य, साहित्य, शिक्षा, कला, विज्ञान, तकनीक, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग के क्षेत्रों में दिए जाते हैं. वहीं, वैज्ञानिक और डॉक्टर ये दो ही ऐसे पेशे हैं, जहां सरकारी सेवा के दौरान इनको पद्म सम्मान से सम्मानित किया जाता है. बाकी अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सम्मान नहीं मिल सकता है.
पद्म सम्मान पाने वालों को मिलती हैं कई सुविधाएं
पद्म सम्मान से पाने वालीं हस्तियों को राष्ट्रपति एक प्रमाणपत्र और मेडल देते हैं. एक प्रतिकृति भी दी जाती है. यह एक नागरिक सम्मान है, कोई पद नहीं है, इसलिए पद्म सम्मान को अपने नाम के आगे और पीछे नहीं लगाया जा सकता है. इस सम्मान में कोई राशि नहीं दी जाती है और न ही किसी प्रकार की रेल और एयर फेयर में कोई छूट दी जाती है.
कैसे करें पद्म सम्मान के लिए अप्लाई
इस सम्मान के लिए कोई भी नागरिक अप्लाई कर सकता है. इसके लिए भारत सरकार हर वर्ष आवेदन मांगती है. जिस शख्स को भी लगता है कि उसने किसी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है तो वह आवेदन कर सकता है. इसके बाद केंद्र सरकार इसका परीक्षण करने के लिए गठित कमेटी के पास भेजती है. इसके बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचता है. इसके साथ ही कोई संस्था भी इसके लिए आवेदन कर सकती है.
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