11 January 2024
राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम को कांग्रेस ने आरएसएस और बीजेपी का इवेंट बताकर अयोध्या निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। जिसके बाद अब इस पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस को हिंदू विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एक मौका मिला था, अपने सारे पाप धोने का, लेकिन पार्टी ने ये मौका भी खो दिया।
कांग्रेस नहीं थी निमंत्रण की हकदार
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, विश्व हिंदू परिषद ने श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने का मौका दिया था, लेकिन कांग्रेस ने इसे अस्वीकार कर दिया। उनके पास एक और मौका था, कि वो अपने पाप को थोड़ा कम कर सकें, लेकिन उन्होंने इससे भी अस्वीकार कर दिया। जिससे ये साफ़ हो रहा है कि कांग्रेस हिंदू विरोधी है और इतिहास में उसे इसी रूप में देखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि कांग्रेस शुरू से ही राम मंदिर के खिलाफ थी, और अपने विचारों के कारण वो इस तरह के निमंत्रण की हकदार नहीं थी।
कौन कौन इस कार्यक्रम में नहीं होंगे शामिल
राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया गया है। मंदिर का उद्घाटन सिर्फ चुनावी फायदा उठाने के लिए ही किया जा रहा है। इसलिए हम इसमें शामिल नहीं होंगे।