Arvinder Singh lovely Joins BJP : पूर्व कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में BJP में शामिल हुए. अरविंदर सिंह लवली ने 28 अप्रैल को दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
04 May, 2024
Arvinder Singh lovely Joins BJP : कांग्रेस के पूर्व विधायक राज कुमार चौहान, नसीब सिंह, नीरज बसोया और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में BJP में शामिल हुए. इससे पहले भी कांग्रेस से नाराज होकर अरविंदर सिंह लवली भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे.
शीला दीक्षित के करीबी थे अरविंद सिंह लवली
एक दौर था जब अरविंदर सिंह लवली सबसे कम उम्र के विधायक बने थे. उन्होंने पहली बार 1998 में गांधी नगर विधानसभा सीट से दिल्ली विधानसभा में जीत हासिल की थी. इसके बाद वह लगातार इसी सीट पर 2015 तक विधायक रहे. अरविंद सिंह लवली दरअसल, शीला दीक्षित के बेहद करीबी थी. यही वजह है कि अरविंदर सिंह लवली ने शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में में शहरी विकास और राजस्व मंत्रालय, शिक्षा और परिवहन जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग संभाले.
कॉलेज से की थी राजनीति की शुरुआत
अरविंद सिंह लवली ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के एसजीटीबी खालसा कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया है. कॉलेज के दौरान ही वह छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे. इसके बाद 1990 में उन्हें दिल्ली युवा कांग्रेस के महासचिव के रूप में चुना गया. इसके बाद 1992 से 1996 तक नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के महासचिव के रूप में कार्य किया.
2017 में छोड़ा था कांग्रेस का साथ
अरविंद सिंह लवली ने कांग्रेस की खराब स्थिति के चलते कुछ समय के लिए पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया. इसी कड़ी में वह अप्रैल 2017 में प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. यह अलग बात है कि कुछ महीनों के बाद वह यह कहते हुए कांग्रेस में लौट आए कि वह भाजपा में ‘वैचारिक रूप से अनुपयुक्त’ हैं. इसके बाद 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली को क्षेत्र गांधी नगर सीट से मैदान में उतारा है. यह पर उन्हें पराजय मिली थी.
गौतम गंभीर से मिली थी हार
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके अरविंद लवली ने 2019 लोकसभा चुनाव पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से लड़ा था. उनके खिलाफ आम आदमी पार्टी से आतिशी मैदान में थीं. तुलनात्मक रूप से ठीकठाक वोट पाने के बावजूद वह गौतम गंभीर से 3,92,000 वोटों से हार गए.
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