10 February 2024
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने इशारों इशारों में बीजेपी पर वार करते हुए कहा कि “प्रभु राम के नाम पर राजनीति करना बंद करिए। याद रखिए प्रभु राम अजर हैं, अमर हैं और सबके हैं”। अखिलेश ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि वो राम को लेकर आए हैं, वे भगवान श्रीराम का अपमान करते हैं और ऐसा कहकर आप धर्म और भगवान राम का अपमान कर रहे हैं।
अखिलेश ने कहा कि ”ये बात कही गयी कि हमने प्रभु राम का नाम नहीं लिया लेकिन जब भगवान राम दिल में बसते हो तो फिर नाम लेने की क्या जरूरत हैं? राम पहले भी थे, आज भी हैं और हमेशा रहेंगे। जब हम आप नहीं थे, प्रभु राम तब भी थे और जब हम आप नहीं रहेंगे प्रभु राम तब भी रहेंगे। इसलिए ऐसा कहना कि आप प्रभु राम को लाये हैं, ऐसा कह कर आप प्रभु राम का अपमान तो कर ही रहे हैं, साथ ही साथ धर्म को भी अपमानित कर रहे हैं।”
बजट को लेकर अखिलेश के योगी सरकार पर वार
अखिलेश ने योगी सरकार के सबसे बड़े बजट की बात पर कहा कि योगी सरकार हर बार यही कहती है कि उसने राज्य का सबसे बड़ा बजट पेश किया है, लेकिन खर्च कितना करती है ये बताए। उन्होंने कहा कि राज्य का बजट 7 लाख करोड़ का हो या 8 लाख करोड़ का लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही, कि प्रदेश की 90 फीसदी जनता के लिए उसमें क्या है? बीजेपी की नीति आम जनता के लिए नही है वो 10 प्रतिशत संपन्न लोगों के लिए 90 प्रतिशत बजट रखती हैं और 90 प्रतिशत जरूरतमंद जनता के लिए नाम मात्र दस फीसदी का बजट होता है।
अखिलेश ने कहा, ‘ यूपी सरकार हमें आंकड़ों में उलझाती हैं। सीधी सीधी यह बात बतायें कि इस बजट से महंगाई से कितनी राहत मिलेगी। इस बजट में कितने युवाओं को रोजगार मिलेगा? अपराध और भ्रष्टाचार कम करने के उपायों पर कितना खर्च दिया जायेगा। मंदी और जीएसटी की मार झेल रहे काम, कारोबार और दुकानदारी को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रावधान हैं? क्या इस बजट में किसान की बोरी की चोरी रूकेगी या नहीं। फसल का सही दाम या किसानों की आय दोगुनी होगी या नहीं?”
अखिलेश ने पूछा, ”इस बजट में अच्छी दवाई और अच्छी पढ़ाई के लिए कितना आवंटन हैं? सरकार बताये कि बिजली के प्लांट के लिए कितना बजट हैं। सरकार बतायें कि सड़कों के गड्ढे भरने के लिए बजट हैं या नहीं?” उन्होंने पूछा कि पिछले सात वर्ष में गड्ढे भरने के बहाने कितना पैसा खर्च किया गया हैं? उन्होंने कहा, ”बजट बड़ा हुआ है तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर।”