Partition Horrors Remembrance Day: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 14 अगस्त 2021 को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का एलान किया था.
14 August, 2024
Partition Horrors Remembrance Day: भारत (India) 14 अगस्त 1947 की तारीख को कभी भी नहीं भुला सकता है. एक तरफ देश को 200 वर्षों की गुलामी की जंजीरों से आजादी मिल रही थी तो दूसरी तरफ देश का विभाजन हो रहा था. भारत के दो टुकड़े हो रहे थे. एक भारत और दूसरा पाकिस्तान (Pakistan). विभाजन के बाद लाखों लोग इधर से उधर हो गए. कई लोगों का घर-बार छूट गया. उन्हें रातों-रात देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. यह दर्द था विभाजन का. इस दिन को भारत अब विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाता है.
क्या है विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
बता दें कि आजादी देने से पहले अंग्रेजों ने एक चाल चली. अंग्रेजों ने मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मोहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) को मुसलमानों के लिए एक अलग देश की मांग करने के लिए उकसाया. इसके बाद मोहम्मद अली जिन्ना ने पंडित जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी के साथ अंग्रेजों के सामने एक अलग देश पाकिस्तान बनाने की मांग रखी. मोहम्मद अली जिन्ना की इस मांग को लेकर भारी विरोध हुआ. भारी विरोध के बाद भी भारत का बंटवारा हो गया.
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की कब हुई शुरुआत?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 14 अगस्त 2021 को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का एलान किया था. उन्होंने कहा कि अब हर साल स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के तौर पर याद किया जाएगा. 14 अगस्त का दिन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद दिलाता है.
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का महत्व
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कई मायनों में महत्वपूर्ण है. यह दिवस राष्ट्रीय एकता की महत्व की याद दिलाती है. यह दिन हमें मानवीय मूल्यों जैसे करुणा, सहानुभूति और क्षमा को स्थापित करने के लिए प्रेरित करता है. हमें समाज में सद्भाव से रहने के लिए भी प्रेरणा देता है.