Marital Rape: हाल ही में मैरिटल रेप को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद देश में नई बहस छिड़ गई है. आइए जानते हैं क्या है मैरिटल रेप.
18 October, 2024
Marital Rape: इंडिया में मैरिटल रेप अपराध की श्रेणी में नहीं आता. महिला संगठन और फेमिनिस्ट ग्रुप (Feminist Group) एक अरसे से मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने की मांग करते आ रहे हैं. इसे लेकर राजनीतिक दल भी काफी मुखर नहीं हैं. हाल ही में मैरिटल रेप (Marital Rape) को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के एक फैसले के बाद देश में नई बहस छिड़ गई है. इस मुद्दे पर केस की सुनवाई कर रहे जज भी एकमत नहीं हैं. देश में एक तरफ जहां मैरिटल रेप को लेकर कानून बनाने की मांग की जा रही है तो वहीं, दूसरी तरफ एक ऐसा तबका भी है जो इस मुद्दे को अपराध की श्रेणी से बाहर रखना चाहता है. आइए जानते हैं क्या है मैरिटल रेप और इसके बारे में क्या कहते हैं कानून के जानकार.
मैरिटल रेप क्या है ?
मैरिटल रेप ऐसी स्थिति है जिसमें पति अपनी पत्नी की सहमति के बिना उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाता है, इसी को मैरिटल रेप कहा जाता है. भारतीय दंड संहिता (IPC) में इसे अपराध नहीं माना जाता है. बता दें कि रेप की परिभाषा IPC की धारा 375 में दी गई है जिसके अनुसार, अगर पति अपनी पत्नी के साथ किसी भी तरह का सेक्सुअल एक्ट करता है या शारीरिक संबंध बनाता है तो इसे रेप नहीं कहा जा सकता. बशर्ते पत्नी की उम्र 15 साल से कम है तो ये रेप की श्रेणी में आता है.
क्या कहते हैं कानून के जानकार ?
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के एक अधिवक्ता का कहना है कि यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है. सहमति का सही अर्थ लोगों को सही मायनों में समझाना चाहिए. ऐसा करने के लिए सामाजिक संगठनों और कानून के जानकारों को आगे आना चाहिए और जनता को समझाना चाहिए. देश का एक तबका ऐसा भी है जो अपने कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में जानता उसे समझाने की आवश्यकता है. मैरिटल रेप पर कानून बनाने से पहले समाज को एक बड़े सामाजिक सुधार से गुजरना होगा.
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