Unseasonal rain: गुजरात के सौराष्ट्र के किसान दहशत में हैं क्योंकि मौसम विभाग ने यहां बेमौसम बारिश का अनुमान लगाया है.गुजरात के सौराष्ट्र में केसर आम की पैदावार सबसे ज्यादा होती है जो आम की एक फेमस किस्म है.
14 May, 2024
Mango production: मौसम विभाग ने गुजरात के सौराष्ट्र में बेमौसम बारिश का अनुमान लगाया है. इससे वहां के आम किसानों में दहशत है. सौराष्ट्र में होने वाले खास किस्म के ‘केसर’ आम मशहूर हैं. इस साल किसान तय समय से पहले अपनी उपज तोड़ने पर मजबूर हैं. इससे बाजार में कच्चे आम की बाढ़ आ गई है. नतीजा ये है कि आम की कीमत गिर गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
बेमौसम बरसात से हुआ नुकसान
सौराष्ट्र के आम किसान कुलदीप पाठक ने बताया, ‘अभी ये जो बेमौसम वर्षा की आगाही हुई है. उसकी वजह से हम लोग जितना हमारे पास केसर उपलब्ध है, उतना केसर लेके हम लोग मार्केट में दे रहे हैं. उसकी वजह से जो केसर पका नहीं है और कुछ पकने के लिए अभी 15-20 दिन का देर है, उसको भी हम लोगों को ले लेना पड़ता है. उसकी वजह से मार्केट में केसर का ग्रोथ भी बढ़ गया है और भाव भी कम हुआ है. प्रति बॉक्स में अभी 200 से 300 रुपया भाव कम हुआ है और जिस प्रकार से केसर कम हुई है और भाव टूट रहे हैं तो अभी सभी हम किसान लोगों को इसका बहुत ज्यादा नुकसान है.’ जानकारों के मुताबिक पहले ही आम के पेड़ों पर 50 फीसदी से कम बौर लगे थे. यानी आम किसानों को पहले ही एक झटका लग चुका था.
आम की पैदावार कम होने का अनुमान
कृषि विभाग के अधिकारी रणजीत सिंह बाराड का कहना है कि ‘इस बार फ्लावरिंग बहुत कम रहा है. मतलब 40 परसेंट के आसपास ही हुआ है. जो फर्स्ट फेज था और सेकेंड और थर्ड फेज में कुछ हुआ नहीं. वैसे भी आम इस बार कम है. उसमें भी 14-15 के करीब बारिश की संभावना है, जो कम या मीडियम बरस सकती है. उसके हिसाब से अभी फार्मर ने हार्वेस्टिंग शुरू कर दिया है जिससे आम अभी 15-20 दिन तक रुक सकती है. उसके बाद उसका हार्वेस्टिंग करना चाहिए. बारिश के साथ अगर हवा रही तो बहुत नुकसान हो सकता है.’ मौसम विभाग ने सौराष्ट्र में अगले कुछ दिनों में बारिश का अनुमान लगाया है. यहां अमूमन सालाना तीन लाख मीट्रिक टन से ज्यादा ‘केसर’ आम होते थे. इस साल सिर्फ दो लाख मीट्रिक टन आम होने का अनुमान है.
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