राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ से 76वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगी. समारोह में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता, समानता, विकास और सैन्य कौशल की झलक देखने को मिलेगी. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो मुख्य अतिथि होंगे.
NEW DELHI: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ से 76वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगी। समारोह में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता, समानता, विकास और सैन्य कौशल की झलक देखने को मिलेगी. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो मुख्य अतिथि होंगे. परेड देखने के लिए लगभग 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है.
सुबह 10.30 बजे शुरू होगी गणतंत्र दिवस परेड
गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10.30 बजे शुरू होगी और लगभग 90 मिनट तक चलेगी . यह समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की यात्रा के साथ शुरू होगा, जहां वह पुष्पांजलि अर्पित करके शहीद नायकों को याद करेंगे. इसके बाद प्रधान मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर जाएंगे.
भारत की राष्ट्रपति और उनके इंडोनेशियाई समकक्ष के आगमन की सुरक्षा राष्ट्रपति के अंगरक्षक, भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट द्वारा की जाएगी. दोनों राष्ट्रपति ‘पारंपरिक बग्गी’ में पहुंचेंगे. यह प्रथा 40 वर्षों के अंतराल के बाद 2024 में वापस आई.
21 तोपों की दी जाएगी सलामी
परंपरा के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और इसके बाद राष्ट्रीय गान के साथ 105 मिमी लाइट फील्ड गन,एक स्वदेशी हथियार प्रणाली का उपयोग करके 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. परेड की शुरुआत देश के विभिन्न हिस्सों के संगीत वाद्ययंत्रों के साथ 300 सांस्कृतिक कलाकार ‘सारे जहां से अच्छा’ बजाते हुए करेंगे. वाद्ययंत्रों का यह स्वदेशी मिश्रण एक अरब भारतीयों के दिलों की धुन, ताल और आशाओं से गूंज उठेगा. वाद्ययंत्रों के समूह में शहनाई, सुंदरी, नादस्वरम, बीन, मशक बीन, रणसिंघा – राजस्थान, बांसुरी, कराडी माजलू, मोहुरी, शंख, तुतारी, ढोल, गोंग, निशान, चांग, ताशा, संबल, चेंडा, इदक्का, लेज़िम, थाविल , गुदुम बाजा, तलम और मोनबाह शामिल हैं.
ध्वज फॉर्मेशन में 129 हेलीकॉप्टर यूनिट से Mi-17 1V हेलीकॉप्टरों द्वारा फूलों की वर्षा की जाएगी. राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए हेलीकॉप्टरों के इस समूह का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन आलोक अहलावत करेंगे. इसके बाद राष्ट्रपति द्वारा सलामी लेने के साथ परेड शुरू होगी. परेड की कमान परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, दिल्ली एरिया, दूसरी पीढ़ी के अधिकारी द्वारा की जाएगी. मेजर जनरल सुमित मेहता, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र परेड सेकेंड-इन-कमांड होंगे.
सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के गौरवान्वित विजेताओं का अनुसरण किया जाएगा। उनमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेन्द्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त) और अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल हैं. परमवीर चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है, जबकि अशोक चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के अलावा अन्य कार्यों के लिए दिया जाता है .
इंडोनेशियाई दल का गवाह बनेगा कार्तव्य पथ
कार्तव्य पथ इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बलों की मार्चिंग टुकड़ी और इंडोनेशिया की सैन्य अकादमी के सैन्य बैंड के मार्च पास्ट का गवाह बनेगा. मार्चिंग दस्ते में 152 सदस्य होंगे, जिसमें 190 सैन्य बैंड के सदस्य होंगे.
भारतीय सेना का भी दिखेगा शौर्य
माउंटेड कॉलम का नेतृत्व करने वाली पहली सेना टुकड़ी 61 कैवेलरी की होगी, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट अहान कुमार करेंगे. 1953 में स्थापित 61 कैवेलरी सभी ‘स्टेट हॉर्सड कैवेलरी यूनिट्स’ के साथ दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय हॉर्सड कैवेलरी रेजिमेंट है. इसके बाद नौ मैकेनाइज्ड कॉलम और नौ मार्चिंग दल होंगे. भारतीय वायु सेना के दल में चार अधिकारी और 144 कर्मी शामिल होंगे, जिनका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती करेंगे, जिसमें फ्लाइट लेफ्टिनेंट नेपो मोइरंगथेम, फ्लाइट लेफ्टिनेंट दामिनी देशमुख और एफजी ऑफिसर अभिनव गोरसी अतिरिक्त अधिकारी होंगे. इसके बाद ‘बाज फॉर्मेशन’ में तीन मिग-29 विमान फ्लाई-पास्ट करेंगे.
ब्रह्मोस, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट जैसे आधुनिक हथियारों का भी प्रदर्शन
टैंक टी-90 (भीष्म), बीएमपी-2 सारथ के साथ एनएजी मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट सिस्टम, अग्निबाण मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली, एकीकृत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली, ऑल-टेरेन व्हीकल (चेतक), लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल (बजरंग), व्हीकल माउंटेड इन्फैंट्री मोर्टार सिस्टम (ऐरावत), क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल (नंदीघोष और त्रिपुरांतक) और शॉर्ट-स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम भी कार्तव्य पथ पर प्रदर्शित होंगे.कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स, द जाट रेजिमेंट,द गढ़वाल राइफल्स, द महार रेजिमेंट, द जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, द कोर ऑफ सिग्नल्स समेत अन्य की टुकड़ियां शामिल होंगी।
पहली बार एक साथ तीनों सेनाओं की झांकी कर्तव्य पथ पर
पहली बार तीनों सेनाओं की झांकी कर्तव्य पथ पर निकलेगी, जो एकजुटता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करेगी. ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ थीम के साथ, झांकी में तीनों सेनाओं के बीच नेटवर्किंग और संचार की सुविधा प्रदान करने वाले एक संयुक्त संचालन कक्ष को दर्शाया जाएगा. यह स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, तेजस एमकेआईआई लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और एक दूर से संचालित विमान के साथ जमीन,पानी और हवा में एक सिंक्रनाइज़ ऑपरेशन का प्रदर्शन करते हुए एक युद्धक्षेत्र परिदृश्य प्रदर्शित करेगा.
‘आत्मनिर्भर’ नौसेना की दिखेगी ताकत
भारतीय नौसेना दल में 144 कर्मी शामिल होंगे, जिनका नेतृत्व आकस्मिक कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल अहलूवालिया और प्लाटून कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर इंद्रेश चौधरी, लेफ्टिनेंट कमांडर काजल अनिल भरानी और लेफ्टिनेंट देवेंद्र करेंगे। इसके बाद नौसेना की झांकी होगी, जिसमें भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम मजबूत ‘आत्मनिर्भर’ नौसेना को दर्शाया जाएगा।
झांकी में विध्वंसक आईएनएस सूरत, फ्रिगेट आईएनएस नीलगिरि और पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर सहित नव-कमीशन स्वदेशी फ्रंटलाइन अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को प्रदर्शित किया जाएगा, जो स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में भारत की तीव्र प्रगति को उजागर करता है और एक मजबूत निर्माण के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है.
भारतीय वायु सेना के दल का नेतृत्व करेंगे स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती
भारतीय वायु सेना के दल में चार अधिकारी और 144 कर्मी शामिल होंगे, जिनका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती करेंगे, जिसमें फ्लाइट लेफ्टिनेंट नेपो मोइरंगथेम, फ्लाइट लेफ्टिनेंट दामिनी देशमुख और एफजी ऑफिसर अभिनव गोरसी अतिरिक्त अधिकारी होंगे. इसके बाद ‘बाज फॉर्मेशन’ में तीन मिग-29 विमान फ्लाई-पास्ट करेंगे.
‘स्वर्णिम भारत: विरासत और प्रगति’ पर होगी भारतीय तट रक्षक की झांकी
भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) दल का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट नविता ठकरान करेंगी. उनके बाद गार्ड के तीन अधिकारी – डिप्टी कमांडेंट सुमित कुमार, डिप्टी कमांडेंट पंकज सैनी और सहायक कमांडेंट प्रिया बालुरकर होंगे। इसके बाद तटीय सुरक्षा और समुद्री खोज और बचाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए आईसीजी की एक झांकी होगी। थीम है ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और प्रगति’।
डीआरडीओ भी करेगा हवाई पूर्व चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली का प्रदर्शन
परेड के दौरान डीआरडीओ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कुछ अग्रणी नवाचारों का प्रदर्शन करेगा. ‘रक्षा कवच – मल्टी-डोमेन खतरों के खिलाफ मल्टी-लेयर प्रोटेक्शन’ थीम के साथ डीआरडीओ की झांकी में त्वरित प्रतिक्रिया वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल की सुविधा होगी. इसके अलावा हवाई पूर्व चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली, 155 मिमी/52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, ड्रोन का पता लगाना और नष्ट करना, उपग्रह-आधारित निगरानी प्रणाली का प्रदर्शन करेगा.
डीआरडीओ की 2024 की प्रमुख उपलब्धियों को भी झांकी पोस्टरों में प्रदर्शित किया जाएगा अर्थात् लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल, हल्के वजन की बुलेट प्रूफ़ जैकेट ‘अभेड’; दिव्यास्त्र – एकाधिक स्वतंत्र रूप से लक्षित पुनः प्रवेश वाहन, ‘ज़ोरावर’ लाइट टैंक और रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो आदि के साथ डोर्नियर मिड-लाइफ अपग्रेड.
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