POCSO Act : कर्नाटक में एक टीचर पर आरोप है कि उसने नाबालिग छात्राओं के कपड़े चेंज करने के दौरान वीडियो बनाए. वहीं, आरोपी ने इस केस को खारिज करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
07 September, 2024
POCSO Act : कर्नाटक के कोलार जिले में एक टीचर आरोप पर है कि वह स्कूल की छोटी बच्चियों का वीडियो बनाता था, जिसके लिए आरोपी पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसी बीच टीचर ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाकर इस केस को खारिज करने की मांग की, लेकिन कर्नाटक हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि आरोपी जिन लड़कियों के वीडियो बनाता था वह कोलार जिले के पिछड़े समुदाय से आती हैं.
शिक्षक का कृत्य भयावह है
न्यायामूर्ति एम नागप्रसन्ना (Justice M Nagaprasanna) ने हाल ही में अपने फैसले में लिखा था कि टीचर ने जो कृत्य किया वह भयावह है और आरोपों को काफी गंभीरता से लिया. शिक्षक को दिसंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था जब अधिकारियों को पता चला कि बच्चियों के वीडियो मोबाइल से रिकॉर्ड किया गया है. जांच के दौरान सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि आरोपी के पास 5 मोबाइल और प्रत्येक मोबाइल के अंदर 1 हजार से ज्यादा फोटो और कई सौ वीडियो भरे पड़े हैं. अधिकारियों ने सभी मोबाइल को जब्त कर लिया. फिलहाल उन मोबाइल को फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है.
आरोपी बोला उसका मामला पॉक्सो एक्ट में नहीं आता
आरोपी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपनी याचिका में तर्क दिया कि उस पर लगे आरोप पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत नहीं आते हैं. फिलहाल कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि नाबालिग बच्चियों के वीडियो बनाना यह सीधे तौर पर पॉक्स एक्ट के अंतर्गत ही आता है. अदालत ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम की धारा 11 में इस बात जिक्र किया गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी बच्ची का शरीर उजागर करने के लिए मजबूर करता है कि जिसे दूसरे लोग भी देख लें या कोई अनुचित इशारा करें तो वह यौन उत्पीड़न का मामला बनता है. अदालत ने कहा कि शिकायत और जांच के दौरान मिली फोरेंसिक रिपोर्ट सहित यह साक्ष्य बताते हैं कि यह प्रथम दृष्टया का मामला है.
यह भी पढ़ें- माता वैष्णो देवी विधानसभा सीट पर भी होगा चुनाव, परिसीमन के बाद रियासी से काटकर बनाईअसेंबली