Kanwar Yatra Row: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों के मालिकों को अपने नाम लिखने के आदेश के खिलाफ सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने नेमप्लेट लगाने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.
22 July, 2024
Kanwar Yatra Row: सु्प्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि खाद्य विक्रेताओं को मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कांवड़ियां यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने के लिए कहने वाले उनके निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को भी नोटिस जारी किया है. इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई 26 जुलाई को तय की है.
NGO ने दायर की थी याचिका
यूपी में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों के मालिकों का नाम लिखने का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. यूपी सरकार का फैसला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और सोमवार को इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. एनजीओ असोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की तरफ से याचिका दायर की गई है.
आदेश के साथ ही शुरू हो गया था विवाद
यूपी में कांवड यात्रा के दौरान दुकानदारों को अपनी दुकान के आगे अपना नाम डिस्प्ले करने के लिए कहा गया था. इस पर विवाद खड़ा हो गया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भाटी की बेंच ने सुनवाई की. 20 जुलाई की सुबह 6 यूपी सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. दायर की गई याचिका में उत्तराखंड सरकार को भी पक्षकार बनाया गया . NGO ‘एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ के अलावा प्रोफेसर अपूर्वानंद और आकार पटेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में यूपी और उत्तराखंड सरकार के फैसले को चुनौती दी गई.
19 जुलाई को की गई थी घोषणा
बता दें कि 19 जुलाई को यूपी सरकार ने यह घोषणा की थी कि कांवड यात्रा के दौरान कांवड़ रूट पर जितने भी दुकानदार हैं खासकर खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ बेचने वालों को अपने दुकान के आगे दुकान के मालिकों का नाम लिखना होगा. यूपी सरकार ने यह भी कहा कि जारी किया गया फैसला कानून व व्यवस्था के हित में लिया गया है.
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