Sajjan Kumar And Anti Sikh Riots: कोर्ट ने हत्या, हथियार से लैस होकर दंगा और गैर इरादतन हत्या का प्रयास समेत कई धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं.
Sajjan Kumar And Anti Sikh Riots: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को बहुत बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को सिख दंगा के एक और केस में दोषी ठहराया है. अब कोर्ट 18 फरवरी को सज्जन कुमार के खिलाफ सजा सुनाएगी. कोर्ट ने हत्या, हथियार से लैस होकर दंगा और गैर इरादतन हत्या का प्रयास समेत कई धाराओं के तहत दोषी करार दिया है.
फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं पूर्व सांसद
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने यह फैसला सुनाया है. दरअसल, यह मामला साल 1984 में सिख विरोधी दंगों के दौरान पिता-पुत्र की हत्या से संबंधित है. फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी को अलग फैसले के तहत दोषी ठहराया गया है. बता दें कि साल 2021 में सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या, दंगा कराने, घातक हथियार से लैस और डकैती की सुसंगत धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था.
प्रॉसिक्यूशन पक्ष के मुताबिक 1 नवंबर 1984 को पश्चिमी दिल्ली के राज नगर निवासी एस जसवंत सिंह और उनके बेटे एस तरुण दीप सिंह की हजारों लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी थी. इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे. इस मामले में पहली बार साल 2015 में गृह मंत्रालय ने जांच के लिए SIT यानि विशेष जांच दल का गठन किया था. इसके बाद 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने उन्हें हिंसा कराने और दंगा भड़काने के मामले में दोषी पाया था. इस दौरान उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी. फिलहाल वह तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं.
घटना की टाइम लाइन
- 1991: मामले में प्राथमिकी दर्ज.
- 8 जुलाई, 1994: दिल्ली की अदालत ने अभियोजन शुरू करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं पाए. मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया.
- 12 फरवरी, 2015: सरकार ने SIT गठित की
- 21 नवंबर, 2016: SIT ने अदालत को सूचित किया कि मामले में आगे जांच की आवश्यकता है.
- 6 अप्रैल, 2021: सज्जन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.
- 5 मई, 2021: पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया.
- 26 जुलाई: अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लिया.
- 1 अक्टूबर: अदालत ने आरोपों पर दलीलें सुनना शुरू किया.
- 16 दिसंबर: अदालत ने हत्या, दंगा और अन्य अपराधों के आरोप तय किए.
- 31 जनवरी, 2024: अदालत ने अंतिम दलीलें सुनना शुरू किया.
- 8 नवंबर: अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा.
- 12 फरवरी, 2025: अदालत ने कुमार को दोषी ठहराया, सजा की अवधि पर बहस के लिए 18 फरवरी की तारीख तय की.
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निगम पार्षद से बने थे लोकसभा सांसद
बता दें कि सज्जन कुमार पहली बार राजनीति में कदम रखने के बाद निगम पार्षद चुने गए थे. इसके बाद वह तीन बार लोकसभा सांसद भी चुने गए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 70 के दशक में वह पहली बार दिल्ली नगर निगम का चुनाव लड़ा था. साल 1977 में उन्हें दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव भी नियुक्त किया गया था. दावा किया जाता है कि सज्जन कुमार की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके छोटे बेटे संजय गांधी से नजदीकी थी.
उन्होंने अपने चुनाव में दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री ब्रह्म प्रकाश को हराया था. लोकसभा की वेबसाइट के मुताबिक सज्जन कुमार सांसद बनने के बाद भी विधवा और गरीब महिलाओं की बेटियों की शादी में वित्तीय मदद मुहैया कराते थे. कॉलोनियों के निवासियों का पुनर्वास और विकलांगों की मदद भी करते थे. वेबसाइट के मुताबिक वह अछूत की प्रथा को खत्म करने के आंदोलन में हिस्सा लिया करते थे. हालांकि, साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में सिख विरोधी दंगे भड़क गए. इस मामले में उन्हें साल 2018 में दोषी ठहराया गया था.
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