Rahul Gandhi News : राहुल गांधी बीते दिनों पहले रामचेत के मुंबई लेकर चले गए थे जहां उन्होंने सुधीर राजभर से मिलाया था जो कि एक चमड़े का व्यापार करते हैं.
Rahul Gandhi News : उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले मोची रामचेत की मुलाकात पहली बार जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से हुई थी उस वक्त रोड पर मोची का काम करते थे. लेकिन प्रतिपक्ष नेता से मिलने के बाद उनकी किस्तम खुल गई है और वह मार्केट में अपना ब्रांड लाने की तैयारी में जुट गए हैं. बताया जा रहा है कि रामचेत अपने ब्रांड ‘रामचेती मोची’ लॉन्च कर सकते हैं. बता दें कि पिछले राहुल गांधी ने उन्हें एक मशीन गिफ्ट की थी इसके बाद उन्हें दस जनपथ पर स्थित अपने आवास पर बुलाया और उनसे मुलाकात की और इस दौरान राहुल की माता सोनिया गांधी की मुलाकात की थी. इसके अलावा रामचेत ने अपने हाथों से बनी चप्पल को सोनिया और प्रियंका गांधी को गिफ्ट की थी.

रामचेत को मुंबई लेकर गए राहुल
बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले राहुल गांधी रामचेत के मुंबई लेकर चले गए थे जहां उन्होंने सुधीर राजभर से मिलाया था जो कि एक चमड़े का व्यापार करते हैं और डिजाइन ब्रांड चमार स्टूडियो के संस्थापक हैं. यही वह पल था जब एक 60 वर्षीय मोची की जिंदगी में उद्यमी बनने की जिज्ञासा पैदा हुई. इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर रामचेत के साथ अपनी एक मुलाकात की कुछ तस्वीरें शेयर कीं और इस दौरान उन्होंने कहा कि चमार स्टूडियो के संस्थापक सुधीर राजभर लाखों दलित युवाओं की कहानी को समेटे हुए हैं. वह अत्यंत प्रतिभाशाली हैं, नए विचारों से भरपूर हैं और सफलता के लिए आतुर हैं, लेकिन अपने क्षेत्र के शीर्ष लोगों तक पहुंच की कमी और सीमित अवसरों की चुनौती से जूझते रहे.

कारीगरों की छिपी प्रतिभा को बाहर निकाला
उन्होंने आगे कहा कि मगर अपने समुदाय के कई अन्य लोगों से अलग सुधीर ने अपना नेटवर्क बनाया. उन्होंने धारावी के कारीगरों की छिपी प्रतिभा को पहचाना और एक ऐसा ब्रांड खड़ा किया जिसे आज विश्व के सम्मानित फैशन जगत में अपनी पहचान बनाई. चमार स्टूडियो के संस्थापक सुधीर राजभर लाखों दलित युवाओं की कहानी को समेटे हुए हैं. वह अत्यंत प्रतिभाशाली हैं, नए विचारों से भरपूर हैं और सफलता के लिए आतुर हैं, लेकिन अपने क्षेत्र के शीर्ष लोगों तक पहुंच की कमी और सीमित अवसरों की चुनौती से जूझते रहे. राहुल आगे कहा कि चमार स्टूडियो के संस्थापक सुधीर राजभर लाखों दलित युवाओं की कहानी को समेटे हुए हैं. वह अत्यंत प्रतिभाशाली हैं, नए विचारों से भरपूर हैं और सफलता के लिए आतुर हैं, लेकिन अपने क्षेत्र के शीर्ष लोगों तक पहुंच की कमी और सीमित अवसरों की चुनौती से जूझते रहे.
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