Home Election कन्याकुमारी में साधना के बाद PM मोदी ने जनता के साथ साझा किया अपना अनुभव, पढ़ें प्रमुख बातें

कन्याकुमारी में साधना के बाद PM मोदी ने जनता के साथ साझा किया अपना अनुभव, पढ़ें प्रमुख बातें

by Rashmi Rani
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Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: सातवें चरण का चुनाव खत्म होने के बाद पीएम तमिलनाडु के कन्याकुमारी गए थे. जहां वो विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना में लीन हो गए थे. वहीं, अब उन्होंने अपने अनुभवों को जनता के साथ साझा किया है.

03 June, 2024

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को सामने आ जाएंगे. एग्जिट पोल के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखेंगे, साथ ही BJP के नेतृत्व वाले NDA को लोकसभा चुनाव में बड़ा बहुमत मिलने की उम्मीद है. पीएम मोदी ने पूरे देश में जमकर चुनाव प्रचार किया है. एक ही दिन में तीन-तीन राज्‍यों में वो जनसभाओं को संबोधित कर रहे थे. सातवें चरण का चुनाव खत्म होने के बाद पीएम तमिलनाडु के कन्याकुमारी गए थे. जहां वो विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना में लीन हो गए थे. वहीं, अब उन्होंने अपने अनुभवों को जनता के साथ साझा किया है.

‘मां के चरणों में बैठने का अवसर मिला’

उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि ‘इस चुनाव में कितने ही सुखद संयोग बने हैं. अमृतकाल के इस प्रथम लोकसभा चुनाव में मैंने प्रचार अभियान 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की प्रेरणास्थली मेरठ से शुरू किया. मां भारती की परिक्रमा करते हुए इस चुनाव की मेरी आखिरी सभा पंजाब के होशियारपुर में हुई. संत रविदास जी की तपोभूमि, हमारे गुरुओं की भूमि पंजाब में आखिरी सभा होने का सौभाग्य भी बहुत विशेष है. इसके बाद मुझे कन्याकुमारी में भारत माता के चरणों में बैठने का अवसर मिला. उन शुरुआती पलों में चुनाव का कोलाहल मन-मस्तिष्क में गूंज रहा था. रैलियों में, रोड शो में देखे हुए अनगिनत चेहरे मेरी आंखों के सामने आ रहे थे. माताओं-बहनों-बेटियों के असीम प्रेम का वो ज्वार, उनका आशीर्वाद, उनकी आंखों में मेरे लिए वो विश्वास, वो दुलार…मैं सब कुछ आत्मसात कर रहा था. मेरी आंखें नम हो रही थीं…मैं शून्यता में जा रहा था, साधना में प्रवेश कर रहा था.

‘ऐसी साधना होती है कठिन’

पीएम मोदी ने कहा कि इतने बड़े दायित्वों के बीच ऐसी साधना कठिन होती है, लेकिन कन्याकुमारी की भूमि और स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा ने इसे सहज बना दिया. मैं सांसद के तौर पर अपना चुनाव भी अपनी काशी के मतदाताओं के चरणों में छोड़कर यहां आया था. मैं ईश्वर का भी आभारी हूं कि उन्होंने मुझे जन्म से ये संस्कार दिये. मैं ये भी सोच रहा था कि स्वामी विवेकानंद जी ने उस स्थान पर साधना के समय क्या अनुभव किया होगा. मेरी साधना का कुछ हिस्सा इसी तरह के विचार प्रवाह में बहा.

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