Bhopal Gas Tragedy : साल 1984 में हुए भोपाल गैस कांड को 40 साल पूरे हो गए हैं जिसे लेकर पीड़ितों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है.
Bhopal Gas Tragedy : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल ने 2 और 3 दिसंबर, 1984 की आधीरात को भारत के इतिहास की सबसे घातक त्रासदियों में से एक देख, जिसे भूल पाना आज भी लोगों के लिए बेहद मुश्किल है. 40 साल पहले यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड की फैक्ट्री से जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव भोपाल के लोगों के लिए काल बन गई.
इस त्रासदी को 40 साल पूरे हो गए हैं. ऐसे में पीड़ितों ने पीएम मोदी को पत्र लिखा. पीड़ितों के परिवारों और उस त्रासदी से जीवित बचे लोगों ने उन्हें पत्र लिखा है, जिनमें से कई अभी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उचित मुआवजे की मांग की है.
पीड़ितों को भरोसा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे गए उनके पत्रों से आखिरकार उनकी लंबे समय से चली आ रही मांगों का समाधान हो जाएगा. इसे लेकर पिछले कुछ सालों में सरकार और कंपनी से अतिरिक्त मुआवजे की मांग बार-बार उठाई गई है. पीड़ितों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब तक भुगतान राशि पूरी तरह से अपर्याप्त है.
सरकारी अनुमान ने बताया मौत का आंकड़ा
सरकारी अनुमान है कि 40 साल पहले भोपाल में जहरीली गैस ने 5000 से अधिक लोगों की जान ले ली और 5 लाख से अधिक लोग इससे प्रभावित हुए. ये त्रासदी चार दशकों के बाद भी पीड़ित लोगों को शारीरिक और भावनात्मक रूप से परेशान कर रही है.
दुनिया की सबसे भयानक आपदाओं में से एक मानी जाने वाली इस त्रासदी की 40वीं बरसी पर, जीवित बचे लोगों के मन में उस रात के घाव आज भी ताजा हैं.
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