18 January 2024
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना ने दिल्ली जेल नियम 2018 में संशोधन के लिए मंजूरी दे दी है। अब 70 साल से ज्यादा के उम्र के वो कैदी, जिन्होनें अपनी आधी सज़ा काट ली है, उन्हें रिहा किया जा सकता है। यानि वक्त से पहले उन कैदियों की रिहाई का रास्ता अब साफ हो जाएगा। माना जा रहा है कि बीमार बुजुर्ग कैदियों की समय से पहले रिहाई होने से दिल्ली की तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जैसी भीड़ भाड़ वाली जेलों में अब भीड़ कम हो जाएगी।
किन पर नहीं लागू होगा नियम
अधिकारियों के मुताबिक, ये संशोधन उम्रकैद, मौत की सजा काट रहे दोषी, देशद्रोह, आतंकवाद, POCSO आरोपों के तहत दोषी ठहराए गए लोगों पर लागू नहीं होगा।
आपको बता दें कि जेल प्रशासन को जेल में क्षमता से ज्यादा कैदियों को काबू करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। तिहाड़ की नौ जेलों में कैदियों की क्षमता 5,200 है, लेकिन यहां 13,383 कैदी हैं। पहले दिल्ली में सिर्फ तिहाड़ जेल परिसर ही हुआ करता था, लेकिन कैदियों की बढ़ती तादात को देखते हुए तिहाड़ के बाद रोहिणी और फिर मंडोली में जेल बनाने के बाद भी इसका कोई खास फायदा नहीं हुआ।