Home National क्या देश में NEET को किया जाएगा समाप्त? पैनल बोला- विभिन्न बोर्डों के छात्रों के लिए समान अवसर हो

क्या देश में NEET को किया जाएगा समाप्त? पैनल बोला- विभिन्न बोर्डों के छात्रों के लिए समान अवसर हो

by Live Times
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NEET abolished country panel said equal opportunity students different boards

NEET EXAM : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि DMK ने सबसे पहले NEET के खतरों को भांप लिया था और इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया.

10 June, 2024

NEET EXAM : मद्रास हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के राजन ने तमिलनाडु सरकार से कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) को समाप्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने और प्रथम वर्ष के चिकित्सा कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए उच्चतर माध्यमिक परीक्षा के अंकों को एकमात्र मानदंड बनाने को कहा है. उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने सिफारिश की है कि सरकार को विभिन्न शिक्षा बोर्डों के छात्रों के लिए अवसरों में समानता सुनिश्चित करनी चाहिए और अंकों को सामान्य किया जाना चाहिए.

समिति ने की सिफारिश, NEET खत्म हो

वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK अध्यक्ष एम के स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि DMK ने सबसे पहले NEET के खतरों को भांप लिया था और इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया. उन्होंने अपनी सरकार को सौंपी गई विस्तृत रिपोर्ट अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में साझा की. अपनी सिफारिशों में समिति ने कहा कि राज्य सरकार आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करके मेडिकल कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए योग्यता मानदंड के रूप में NEET को समाप्त करने के लिए तत्काल कदम उठा सकती है.

छात्र-छात्राओं को मिले समान अवसर

विकल्प के रूप में राज्य सरकार अधिनियम 3/2007 के समान एक कानून पारित कर सकती है, जिसमें चिकित्सा शिक्षा के सभी स्तरों पर NEET को समाप्त करने की आवश्यकता बताई जाएगी. इसके लिए राष्ट्रपति की सहमति भी ली जाएगी. ताकी सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके. इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रमों में प्रवेश के दौरान सभी कमजोर छात्र समुदायों को भेदभाव से बचाया जा सके. समिति ने सिफारिश की कि प्रथम डिग्री चिकित्सा कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए उच्चतर माध्यमिक स्तर के अंक ही प्रवेश का एकमात्र मानदंड होने चाहिए. राज्य के विभिन्न शिक्षा बोर्डों के छात्रों को अवसर में समानता सुनिश्चित करने के लिए अंकों के सामान्यीकरण का पालन किया जाना चाहिए.

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