केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि साइबर सुरक्षित भारत बनाने के लिए मोदी सरकार गंभीर है. साइबर क्राइम ने सारी भौगोलिक सीमाओं को समाप्त कर दिया है. यह ‘बॉर्डरलेस’ और ‘फॉर्मलेस’ क्राइम है, क्योंकि इसकी कोई सीमा या तय स्वरूप नहीं है.
NEW DELHI: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि साइबर सुरक्षित भारत बनाने के लिए मोदी सरकार गंभीर है.साइबर क्राइम ने सारी भौगोलिक सीमाओं को समाप्त कर दिया है. यह ‘बॉर्डरलेस’ और ‘फॉर्मलेस’ क्राइम है,क्योंकि इसकी कोई सीमा या तय स्वरूप नहीं है.श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय साइबर सुरक्षित भारत बनाने की दिशा में गंभीर है. इस दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. श्री शाह मंगलवार को नई दिल्ली में ‘साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध’ विषय पर बोल रहे थे.
इस मौके पर गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री शाह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हुआ है,जिसके कारण साइबर हमलों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है. उन्होंने कहा कि साइबर स्पेस को अलग दृष्टि से देखें तो ‘सॉफ्टवेर’ ‘सर्विसेज’ और ‘यूजर्स’ तीनों का एक जटिल नेटवर्क है. उन्होंने कहा कि जब तक ‘सॉफ्टवेर’ ‘सर्विसेज’ और ‘यूजर्स’ के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी को नियंत्रित नहीं किया जाएगा, तब तक साइबर स्पेस की समस्याओं का समाधान असंभव है.
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श्री शाह ने कहा कि भारत पिछले एक दशक में ‘डिजिटल क्रांति’का साक्षी बना है. केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश में आज 95 प्रतिशत गांव डिजिटली कनेक्ट हो चुके हैं और एक लाख ग्राम पंचायत वाई-फाई हॉटस्पॉट से युक्त हैं. पिछले 10 वर्षों में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या साढ़े चार गुना बढ़ी है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में UPI के द्वारा कुल 17, 221 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 246 लाख करोड़ लेन-देन हुए हैं. उन्होंने कहा कि 2024 में पूरी दुनिया में हुए डिजिटल लेन-देन में 48 प्रतिशत लेन-देन भारत में हुए. श्री शाह ने कहा कि स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के मामले में भी भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बना. श्री शाह ने कहा कि आज भारत दुनिया में डिजिटल परिदृश्य में तीसरे नंबर का देश बन चुका है.
AI के उपयोग से रोके जाएंगे बैंकों में खुले म्यूल अकाउंट्स
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय का लक्ष्य है कि साइबर अपराध के मामलों में एक भी FIR दर्ज होने की नौबत नहीं आए. केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए हमने चार प्रकार की रणनीति अपनाई है जिसमें Convergence, Coordination, Communication और Capacity शामिल हैं. इन चारों में निश्चित लक्ष्य और व्यूह रचना के साथ काम किया जा रहा है. श्री शाह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग और रिज़र्व बैंक तथा अन्य सभी बेंक के साथ समन्वय से म्यूल अकाउंट्स की पहचान की व्यवस्था बनाई जा रही है.
उन्होंने यह भी कहा कि म्यूल अकाउंट को ऑपरेट होने से पहले ही बंद करने की व्यवस्था भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 805 ‘ऐप्स’ और 3266 वेबसाइट-लिंक को I4C की सिफारिश पर ब्लॉक किया गया है.19 लाख से अधिक म्यूल खाते पकड़े गए और 2038 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन रोके गए. इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और बंडी संजय कुमार,समिति के सदस्यों, केन्द्रीय गृह सचिव और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
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