INS Tushil : मिसाइल युद्धपोत INS Tushil के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद चीन की कड़ी चुनौती मिलेगी. इस युद्धपोत से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना भी मजबूत होगी
10 December, 2024
INS Tushil : रूस दौरे पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल युद्धपोत INS Tushil को भारतीय नौसेना में शामिल किया. इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्धपोत के जलावतरण को भारत की बढ़ती समुद्री ताकत का गौरवपूर्ण प्रमाण और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती में मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जहाज रूसी और भारतीय उद्योगों की सहयोगात्मक शक्ति का एक बड़ा प्रमाण है. यह संयुक्त कौशल के माध्यम से तकनीकी उत्कृष्टता की दिशा में भारत की यात्रा का उदाहरण है.
कलिनिनग्राद सेना में शामिल किया गया
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारतीय नौसेना के रूस में बने गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS Tushil को सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में रूस के तटीय शहर कलिनिनग्राद में सेना में शामिल किया गया. जानकारों की मानें तो इस युद्धपोत से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है. एक ऐसा क्षेत्र जहां पिछले कुछ सालों के दौरान चीन की नौसेना के बढ़ते हमले देखे गए हैं.
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करीब 8 साल पहले हुआ था समझौता
यहां पर बता दें कि INS Tushil का निर्माण रूस में 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के सौदे के हिस्से के रूप में किया गया है. यह समझौता नई दिल्ली (भारत) ने वर्ष 2016 में भारतीय नौसेना के लिए 4 स्टील्थ फ्रिगेट के लिए मास्को के साथ किया था. डील के तहत दो जहाजों का निर्माण रूस में होना था, जबकि अन्य दो का निर्माण भारत में किया जाना था.
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