Home Latest BUDGET 2025: मकान मालिकों की बल्ले-बल्ले, किराए से होने वाली इनकम पर मिली छूट

BUDGET 2025: मकान मालिकों की बल्ले-बल्ले, किराए से होने वाली इनकम पर मिली छूट

by Sanjay Kumar Srivastava
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बजट में वित्तमंत्री सीतारमण ने किराए पर मकान देने वाले मालिकों को भी राहत दी है. ऐसे मकान मालिक जो किराए से इनकम करते हैं, उनके लिए राहतभरी खबर है. किराए से होने वाली इनकम पर लगने वाले TDS (स्रोत पर कर की कटौती) की सीमा बढ़ा दी गई है.

BUDGET 2025: बजट में वित्तमंत्री सीतारमण ने किराए पर मकान देने वाले मालिकों को भी राहत दी है. ऐसे मकान मालिक जो किराए से इनकम करते हैं, उनके लिए राहतभरी खबर है. किराए से होने वाली इनकम पर लगने वाले TDS (स्रोत पर कर की कटौती) की सीमा बढ़ा दी गई है. इसे बढ़ाकर छह लाख रुपए वार्षिक कर दिया गया है, जबकि मौजूदा सीमा 2.4 लाख वार्षिक थी.

यह प्रस्ताव करते हुए सीतारमण ने कहा कि इससे TDS के लिए उत्तरदायी लेनदेन की संख्या कम हो जाएगी. जिससे छोटे भुगतान वाले करदाताओं को लाभ होगा. लोगों का मानना है कि TDS सीमा को छह लाख किए जाने से छोटे करदाताओं और मकान मालिकों को काफी फायदा होगा.

टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में किया गया प्रस्ताव उन सभी लोगों को प्रभावित करता है जो किराया देते हैं या लेते हैं. TDS के अधीन है-चाहे वह घर का किराया हो, कार्यालयों, दुकानों या अन्य संपत्तियों का किराया हो. TDS सीमा बढ़ाने से मुख्य रूप से मकान मालिकों , विशेष रूप से छोटे मकान मालिकों को लाभ होगा, जिन्हें प्रति वर्ष 6 लाख रुपए से कम किराया मिलता है. उधर, लोगों का कहना है कि यह बजट आम जनता का बजट है, जिसमें किसानों, युवाओं व मध्यम वर्ग का ध्यान रखा गया है.

आयकर में माध्यम वर्ग को कर में छूट दी गई है. नई व्यवस्था में 12 लाख तक की आय पर कोई कर अदा नहीं करना होगा तथा उसके टैक्स स्लैब में बदलाव किया है. अब 30 प्रतिशत का स्लैब 24 लाख की आय से अधिक पर है जबकि पहले यह 15 लाख की आय से अधिक पर लगता था. इससे प्रत्येक करदाता को कर कम देना होगा. TDS में किराए की आमदनी पर पहले 2.4 लाख से अधिक होने पर कटौती होती थी जबकि अब इसे बढ़ाकर छह लाख कर दी गई है.

आयकर रिटर्न भरने की अवधि चार साल करने से मध्यम वर्ग को राहत

इस बजट से आम जनता को कर में काफी राहत दी गई है. टैक्स के जानकार बताते हैं कि यह बजट लघु व मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने के साथ ही इस वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. बजट में TDS कटौती की सीमा बढ़ाने के साथ ही आयकर रिटर्न भरने की अवधि दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दिए जाने से मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत महसूस होगी.

ये भी पढ़ेंः अन्नदाताओं पर भी मेहरबान हुईं वित्तमंत्री, किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए ले सकेंगे 5 लाख तक का लोन

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