यूट्यूबर रणवीर अलाहाबादिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पुलिस बयान दर्ज कराने के लिए बार-बार नोटिस भेज रही है. अपने खिलाफ दर्ज FIR से राहत पाने के लिए रणवीर अलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट (SC) का रुख किया है.
NEW DELHI: यूट्यूबर रणवीर अलाहाबादिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पुलिस बयान दर्ज कराने के लिए बार-बार नोटिस भेज रही है.अपने खिलाफ दर्ज FIR से राहत पाने के लिए रणवीर अलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट (SC) का रुख किया है. उनकी तरफ से देश के मशहूर वकील अभिनव चंद्रचूड़ केस लड़ रहे हैं.
अलाहाबादिया पर ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में अश्लील टिप्पणी का आरोप है. इसी मामले में यूट्यूबर रणवीर अलाहाबादिया पर कई राज्यों में FIR दर्ज है. इसी से राहत पाने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट (SC) का दरवाजा खटखटाया है. उन पर ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में अश्लील टिप्पणी का आरोप है. इस पर असम पुलिस ने अलाहाबादिया को समन भेजा है. अब इस मामले में राहत पाने के लिए अलाहाबादिया ने अपने वकील अभिनव चंद्रचूड़ के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
हालांकि कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया, लेकिन सुनवाई के लिए जल्द सूचीबद्ध करने की बात कही. मालूम हो कि अभिनव चंद्रचूड़ कानूनी जगत के बड़े नाम हैं. वह भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे डीवाई चंद्रचूड़ के बेटे हैं. उन्होंने कभी भी वकालत के पेशे में CJI के बेटे के रूप में खुद को प्रस्तुत नहीं किया. इस वजह से अभिनव चंद्रचूड़ ने प्रैक्टिस के लिए सुप्रीम कोर्ट की बजाए BOMBAY HIGHCOURT चुना. उनकी पहचान एक जज के बेटे के रूप में नहीं है, बल्कि एक मशहूर वकील व कानूनी लेखक के रूप में है.BOMBAY HIGHCOURT में प्रैक्टिस करने वाले अभिनव चंद्रचूड़ ने अपनी पढ़ाई दुनिया के मशहूर लॉ स्कूल से की है.
हावर्ड लॉ स्कूल से किया है LLM
स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल से उन्होंने डॉक्टर ऑफ द साइंस ऑफ लॉ और मास्टर ऑफ द साइंस ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की है. उन्होंने हावर्ड लॉ स्कूल से LLM भी किया है. अभिनव चंद्रचूड़ ने अपने करियर की शुरुआत अमेरिका की मशहूर लॉ फर्म गिब्सन, डान एंड क्रचर में बतौर एसोसिएट अटार्नी की थी. इसके बाद वह भारत लौट आए. यहां आकर वह वकालत के साथ-साथ लेखन में सक्रिय हो गए. उनकी लिखी किताबें रिपब्लिक आफ रेटेरिक, फ्री स्पीच एंड द कांस्टिट्यूशन आफ इंडिया काफी चर्चित रही हैं.
पिता के रहते सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने से कर दिया था इंकार
रोचक बात यह है कि जब उनके पिता डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायधीश थे तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने से इंकार कर दिया था. पूर्व CJI ने खुद अपनी विदाई भाषण में कहा था कि उन्होंने अपने बेटे से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने केस लड़ने से इंकार कर दिया. बेटे ने कहा कि डैड सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करके हम आपकी और अपनी साख पर सवाल क्यों उठने दें, जब आप पद से हटेंगे, तब हम प्रैक्टिस करेंग. यह मेरे लिए गर्व की बात थी कि मेरे बेटे ने इस पेशे में ईमानदारी बनाए रखी.
उधर, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में अभिनव ने दलील दी थी कि असम पुलिस का समन अनुचित है और अलाहाबादिया को तुरंत राहत दी जानी चाहिए.इस पर कोर्ट ने कहा कि केस को जल्द लिस्ट किया जाएगा. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है.
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