ISRO SpaDeX Docking Mission : इसरो ने बताया कि तरिक्ष डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) के तहत दोनों अंतरिक्षयान को 15 मीटर और आगे 3 मीटर तक पास पहुंचने का परीक्षण सफल रहा है.
ISRO SpaDeX Docking Mission : स्पैडेक्स मिशन में सफलता हासिल करने के लिए भारत काफी करीब पहुंच गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को कहा कि अंतरिक्ष डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) के तहत दोनों अंतरिक्ष यान को 15 मीटर और आगे 3 मीटर तक पास पहुंचने का परीक्षण सफल रहा है. खास बात यह है कि दोनों अंतरिक्ष यान सही तरीके से काम कर रहे हैं. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि डेटा का गहनता के साथ विश्लेषण किया जा रहा है और उसके बाद डॉकिंग प्रक्रिया की जाएगी.
अमेरिका, रूस और चीन के बाद होगा भारत
ISRO ने अपनी एक्स पोस्ट लिखा कि 15 मीटर और फिर 3 मीटर तक पहुंचने का परीक्षण प्रयास किया गया है. अंतरिक्ष यान को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया गया है. डॉकिंग करने के लिए दोनों अंतरिक्ष यान को करीब 225 मीटर की दूरी तक लाना होगा. लेकिन अभी तक इसरो ने डॉकिंग करने के लिए कोई तारीख फिक्स्ड नहीं की है. ‘स्पैडेक्स’ मिशन के तहत भारत अंतरिक्षयान को डाक और अनडाक करने की क्षमता को प्रदर्शित करेगा. अगर यह मिशन सफल हो जाता हो जाता है तो ‘डॉकिंग’ प्रौद्योगिकी के मामले में भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन जाएगा.
Spadex की सफलता से टेक्नोलॉजी में होगी महारत हासिल
स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (Spadex) प्रोजेक्ट 7 और 9 जनवरी, 2025 को डॉकिंग प्रयोगों के लिए घोषित दो शेड्यूल से चूक गई. यह मिशन इसरो ने 30 सितंबर को लॉन्च किया. PSLV C60 रॉकेट, दो छोटे उपग्रहों – SDX01 (चेज़र) और SDX02 (टारगेट) को 24 पेलो़ड के साथ श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र उड़ान भरी. 220 किलोग्राम वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान को 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में प्रोजेक्टेड किया गया. मिशन को लेकर इसरो का मानना था कि स्पैडेक्स परियोजना छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग के जरिए प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन करना है. Spadex का मिशन सफल होता है तो भारत को जटिल तकनीकों में महारत हासिल करने वाले चौथा देश बना जाएगा.
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