Sambhal Jama Masjid: इतिहासकार इरफान हबीब ने सवाल उठाया है कि संभल मस्जिद में जो कतबा (शिलालेख) है, उसमें कहीं नहीं लिखा है कि यह मंदिर गिराकर बनाई गई है.
Sambhal Jama Masjid: संभल जिले (उत्तर प्रदेश) की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है. रिपोर्ट 2 या 2 जनवरी को अदालत में पेश की जाएगी. इस रिपोर्ट के बाद कई चीजें और तथ्य कोर्ट के समक्ष आ सकते हैं. सर्वेक्षण को लेकर एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने यह जानकारी मीडिया को मुहैया कराई है. इस बीच मशहूर मध्यकालीन इतिहासकार इरफान हबीब ने सवालिया लहजे में कहा है कि उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद में जो कतबा यानी शिलालेख है उस पर कहीं भी ऐसा नहीं लिखा गया है कि इस मस्जिद को किसी मंदिर को गिराकर बनाया गया है.
हुमांयू ने बनवाई थी मस्जिद
इतिहासकार के मुताबिक, इस मस्जिद को मुगल बादशाह बाबर के बेटे हुमांयू ने उस वक्त बनवाया था जब उसे कुछ दिन के लिए इलाके का गवर्नर बनाया गया था. वर्ष 1750 के करीब लिखी गई एक पारसी डायरी में पहली बार यह कहा गया कि संभल में जिस जगह पर मस्जिद है, वहां पर पहले मंदिर था. उनके मुताबिक हालांकि मस्जिद के कतबा में ऐसी कोई बात नहीं कही गई है.
अंतिम चरण में मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट
उधर, सर्वेक्षण के बाद कहा जा रहा है कि शाही जामा मस्जिद की सर्वेक्षण रिपोर्ट करीब-करीब अंतिम चरण में है और पूरी हो गई है. एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव का कहना है कि सर्वेक्षण रिपोर्ट 2 या 3 जनवरी को दाखिल की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने निचली कोर्ट को छह जनवरी तक कोई कार्रवाई न करने का स्थगन आदेश दिया है. ऐसे में सर्वेक्षण रिपोर्ट इस तिथि से पहले दाखिल की जाएगी, जो 2 या 3 जनवरी हो सकती है.
हिंसा में 4 लोगों की हो गई थी मौत
गौरतलब है कि स्थानीय अदालत ने 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की याचिका/दलील पर गौर करने के बाद अधिवक्ता आयुक्त द्वारा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए एकपक्षीय आदेश पारित किया था. इमें दावा किया गया था कि मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह बाबर ने 1526 में एक मंदिर को ध्वस्त करके किया था. यहां पर बता दें कि सर्वेक्षण के दूसरे दौर में 24 नवंबर को विरोध प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प हो गई. इसमें 4 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए थे.
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