Indo-Chinese Border : 28 सितंबर को तोपखाना रेजिमेंट की 198वीं वर्षगांठ से पहले अदोष कुमार ने कहा कि आज पहले से कई अधिक गति से सीमा पर आधुनिकीकरण की मदद ले रहे हैं और उसका इस्तेमाल कर रहे हैं.
27 September, 2024
Indo-Chinese Border : इंडियन आर्मी चीन के साथ सीमा पर अपनी तोपखाना इकाइयों की मदद से युद्धक क्षमता बढ़ाने में लगी है. इसके लिए सेना ने 100 K9 वज्र तोप, ग्रुप ड्रोन, लोइटरिंग म्यूनिशन और निगरानी प्रणालियों सहित कई हथियार प्रणालियों की खरीद की है. आर्मी में तोपखाना महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अदोष कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए तोपखाना इकाइयों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न उपकरण खरीदें जा रहे हैं.
हाइपरसोनिक मिसाइलों का कार्य प्रगति पर
28 सितंबर को तोपखाना रेजिमेंट की 198वीं वर्षगांठ से पहले अदोष कुमार ने कहा कि आज पहले से कई अधिक गति से सीमा पर आधुनिकीकरण की मदद ले रहे हैं और उसका इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की हाइपरसोनिक मिसाइलों का भी कार्य प्रगति पर है. हाइपरसोनिक मिसाइलें पांच मैक या ध्वनि की गति से 5 गुना अधिक की गति से उड़ सकती है. इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि सेना उत्तरी सीमाओं पर क्षमता बढ़ाने के लिए के-9 वज्र, धनुष और शारंग समेत कई 155 मिमी गन सिस्टम को तैनात किए गए हैं. सेना ने पहले ही 100 के-9 वज्र गन सिस्टम तैनात कर दिए हैं.
K9 वज्र गन को रेगिस्तानी इलाकों में किया जाता है यूज
वहीं, 100 तोपों के ऑर्डर को भी स्वीकृति दे गई है. अदोष कुमार ने कहा कि के-9 को ज्यादातर रेगिस्तान में तैनात करने के लिए खरीदा गया है. लेकिन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाद सेना ने उस ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बड़ी संख्या में हॉवित्जर तैनात किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS), माउंटेड गन सिस्टम (MGS) और टोड गन सिस्टम (TGS) को शामिल करने के लिए अन्य 155 मिमी गन सिस्टम को शामिल करने की प्रक्रिया में हैं.
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