भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 21वीं सदी भारत की है. भारत न केवल अपने विकास को बल्कि दुनिया के विकास को भी आगे बढ़ा रहा है, जिसमें ऊर्जा क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
NEW DELHI: भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 21वीं सदी भारत की है. भारत न केवल अपने विकास को बल्कि दुनिया के विकास को भी आगे बढ़ा रहा है, जिसमें ऊर्जा क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाएं पांच स्तंभों पर बनी हैं: संसाधनों का दोहन, प्रतिभाशाली दिमागों के बीच नवाचार को प्रोत्साहित करना, आर्थिक ताकत और राजनीतिक स्थिरता, रणनीतिक भूगोल ऊर्जा व्यापार को आकर्षक और आसान बनाना और वैश्विक स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता. प्रधान मंत्री ने कहा कि ये कारक भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर पैदा कर रहे हैं.
अगले दो दशक विकसित भारत के लिए महत्वपूर्णः PM MODI
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वीडियो संदेश के माध्यम से दिल्ली में भारत ऊर्जा सप्ताह पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. यशोभूमि में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उपस्थित लोग न केवल ऊर्जा सप्ताह का हिस्सा हैं, बल्कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं का भी अभिन्न अंग हैं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दुनिया भर के विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि 21वीं सदी भारत की है. कहा कि अगले दो दशक विकसित भारत के लिए महत्वपूर्ण है.
प्रधान मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि भारत के कई ऊर्जा लक्ष्य 2030 की समय सीमा के अनुरूप हैं, जिसमें 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को शामिल करना, भारतीय रेलवे के लिए शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करना और सालाना पांच मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना शामिल है. उन्होंने स्वीकार किया कि ये लक्ष्य महत्वाकांक्षी लग सकते हैं, लेकिन पिछले दशक की उपलब्धियों ने यह विश्वास पैदा किया है कि ये लक्ष्य हासिल कर लिये जाएंगे.
विश्व में भारत बना पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
श्री मोदी ने कहा कि पिछले दशक में भारत दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता पिछले 10 वर्षों में 32 गुना बढ़ गई है, जिससे यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है. उन्होंने कहा कि भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता तीन गुना हो गई है और भारत-पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने वाला पहला जी-20 देश है.
प्रधान मंत्री ने 19 प्रतिशत की वर्तमान दर के साथ इथेनॉल सम्मिश्रण में भारत की उपलब्धियों पर जोर दिया, जिससे विदेशी मुद्रा बचत, पर्याप्त किसान राजस्व और CO2 उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी आई. उन्होंने अक्टूबर 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल लक्ष्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारत का जैव ईंधन उद्योग 500 मिलियन मीट्रिक टन टिकाऊ फीडस्टॉक के साथ तेजी से विकास के लिए तैयार है.
ऊर्जा सप्ताह से ठोस और अच्छे परिणाम मिलने की जताई उम्मीद
उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में चौथा सबसे बड़ा रिफाइनिंग केंद्र है और अपनी क्षमता 20 प्रतिशत बढ़ाने के लिए काम कर रहा है.उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन सुधारों से समुद्री क्षेत्र में तेल और गैस संसाधनों की खोज, उत्पादन में वृद्धि और रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार बनाए रखने में सुविधा होगी. भारत में पाइपलाइन के विस्तार के कारण प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ रही है.उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस ऊर्जा सप्ताह से इस दिशा में ठोस परिणाम मिलेंगे.
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