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Space News: 10 सालों में भारत ने उपग्रह प्रक्षेपण से कमाए 260 मिलियन, केंद्रीय विज्ञान मंत्री ने साझा किया आंकड़ा

by Live Times
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Space News: पिछले 10 सालों के दौरान हुए उपग्रह प्रक्षेपण से भारत ने 260 मिलियन यूरो कमाए हैं. इसको लेकर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बड़ा बयान दिया है.

Space News: पिछले 10 सालों के दौरान हुए उपग्रह प्रक्षेपण से भारत ने 260 मिलियन यूरो कमाए हैं. इसको लेकर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बड़ा बयान दिया है.

Space News: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत ने यूरोपीय उपग्रह प्रक्षेपणों से 292 मिलियन यूरो की कमाई की है, जिसमें से 260 मिलियन यूरो पिछले 10 सालों में कमाए गए हैं. इस पर बात करते हुए जितेंद्र सिंह ने मंत्रालय से जुड़े हालिया विकास, सफलता और नई पहल, योजना और रोडमैप के बारे में भी जानकारी दी.

नए कानून पर कर रहे काम

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को नए अंतरिक्ष कानून को लेकर भी बात की है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र को नियंत्रित करने के सरकार नए कानून लाने पर काम कर रही है. इस क्षेत्र में पिछले 4 सालों में कई सुधार किए गए हैं. वहीं, निजी कंपनियों ने उपग्रहों के निर्माण तथा प्रक्षेपण में अपनी छाप छोड़ी है.

स्टार्टअप

जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप की भी बात की. इस मामले पर उन्होंने कहा कि स्टार्टअप में तेजी से वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं, दो निजी क्षेत्र की कंपनियां पहले ही उपकक्षीय (suborbital) में उड़ानें शुरू कर चुकी हैं. अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप की संख्या साल 2014 में सिर्फ एक थी जो अब बढ़कर साल 2024 में लगभग 266 हो गई.

इस पर बात करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि यूरोपीय उपग्रहों से बहुत बड़ी कमाई हुई है. भारत ने 292 मिलियन यूरो कमाए हैं जिनमें से पिछले 10 सालों में 260 मिलियन यूरो कमाए गए. अगर आप अमेरिकी डॉलर में देखें तो 172 मिलियन डॉलर में से 157 मिलियन डॉलर पिछले 10 सालों में कमाए हैं. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि 4 साल पहले देश में सिंगल डिजिट स्टार्टअप थे, लेकिन अब ये 3 अंकों तक पहुंच गए हैं. उन्होंने बताया कि इसरो की स्थापना साल 1969 में हुई थी, जिस साल अपोलो मिशन के जरिए पहला इंसान (नील आर्मस्ट्रांग) चांद की सतह पर उतरे थे. तब हम सिर्फ पैदा हुए थे. लेकिन आज हम किसी और से पहले चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच गए हैं. तो ये क्वांटम जंप की तरह है. वो चंद्रयान-3 था जिसे 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया और 23 अगस्त को लैंड किया गया. फिर हमारे पास आदित्य और प्रोबा-3 हैं जिन्हें कुछ दिन पहले ही लॉन्च किया गया था. अब हम सूर्य के रहस्यों की खोज करने जा रहे हैं और प्रोबा-3 सूर्य की सबसे बाहरी परत से जुड़ा है. ये काफी रोमांचक और रहस्यमयी भी है.

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