Bakro Ki Demand : ईद-उल-अजहा नजदीक है. इस मौके पर कुर्बानी के लिए बड़ी संख्या में बकरे इस्लामिक देशों में भी भेजे जा रहे हैं.
14 June, 2024
Bakro Ki Demand : ईद-उल-अजहा (Eid al-Adha) इस्लाम में मनाए जाने वाले दो बड़े त्योहारों में से एक है. इस बार यह पूरे देश में 17 जून को मनाया जाएगा, इसीलिए इस मौके पर कुर्बानी के लिए बड़ी संख्या में कश्मीर में बकरे लाए जा रहे हैं. कश्मीर बूचर्स यूनियन की बात करें तो उसे उम्मीद है कि त्योहार के चलते कुर्बानी के लिए बकरों की मांग यहां बढ़ेगी. यूनियन के एक सदस्य ने बताया कि हाल में नियमों में बदलाव के चलते घाटी में जानवरों का व्यापार आसान हुआ है
कहां है सबसे बड़ी बकरा मंडी?
बकरा ईद पर बकरों की खरीद और बिक्री का काम शुरू हो चुका है. इस खास मौके पर लोग अपने घरों में पहले से ही कई बकरे खरीद कर रख लेते हैं. कई जगहों पर तो बकरों की ब्रिकी को लेकर कॉम्पिटिशन भी चल रहा है. क्या आप जानते हैं कि देश में सबसे बड़ी बकरा मंडी कहा है? दरअसल, बकरों की सबसे बड़ी मंडी मुंबई की देवनार मंडी को कहा जाता है. यहां पर सबसे ज्यादा डिमांड अलवर के मेवात क्षेत्र के बकरों की रहती है, जिन्हें विदेश भी भेजा जाता है. इससे बकरा पालकों को भी अच्छा मुनाफा हो रहा है.
इस्लामिक देशों में भेजे जाते हैं बकरे
बकरीद पर भारत से बकरे इस्लामिक देशों में भी भेजे जाते हैं. कुर्बानी के लिए विदेशों में जाने वाले बकरों में अलवर के मेवात क्षेत्र के बकरों को पसंद किया जाता है. अलवर मेवात (राजस्थान) से जाने वाले बकरों की कीमत करीब 40 से 45 हजार रुपये तक लगाई जाती है. दुकानदार अलवर के बकरों की बढ़ती मांग का फायदा भी उठाते हैं, इसीलिए मंडी में बकरों की अच्छी कीमत मिलने से यहां के लोग बकरा पालन का व्यवसाय भी करते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का मानना है कि ईद पर बकरों की बिक्री से अच्छी आय होती है. अलवर जिले के रसगण गांव में सबसे ज्यादा बकरे पालने का काम किया जाता है.
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