Illegal Migrants: अमेरिका से 104 भारतीयों को डिपोर्ट कर दिया गया. सभी को इमिग्रेशन और कस्टम से क्लियरेंस मिलने के बाद पंजाब पुलिस को सौंप दिया जाएगा.
Illegal Migrants: अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीयों को भारत डिपोर्ट कर दिया गया. कुल 104 भारतीयों को लेकर अमेरिकी सेना का C-17 विमान बुधवार को अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड किया. अमृतसर एयरपोर्ट पर लाए गए 104 लोगों में हरियाणा और गुजरात के सबसे अधिक लोग शामिल हैं. इन सभी अवैध प्रवासियों को इमिग्रेशन और कस्टम से क्लियरेंस मिलने के बाद पंजाब पुलिस को सौंप दिया जाएगा.
महिलाएं और बच्चे भी शामिल
बता दें कि, अमेरिका ने सोमवार को अपनी सेना के C-17 विमान से 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया था. यह विमान बुधवार की दोपहर अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड किया. सूत्रों के मुताबिक अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 में से हरियाणा और गुजरात के 33-33 लोग शामिल हैं. इसके अलावा पंजाब के 30, महाराष्ट्र के 3 और उत्तर प्रदेश-चंडीगढ़ के 2-2 लोग भी अमेरिका से डिपोर्ट किए गए हैं. इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
VIDEO | Punjab: US aircraft carrying deported Indian immigrants lands at Amritsar Airport.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 5, 2025
(Source: Third Party)
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/Lza2pRDvvg
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बता दें कि अभी डिपोर्ट किए गए लोगों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है. सभी प्रवासियों को हाथों में हथकड़ी लगाई गई थी. इससे पहले सामने आई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिकी सैन्य विमान C-17 205 अवैध प्रवासियों को लेकर भारत आ रहा है. गौरतलब है कि अमेरिकी सरकार की ओर से निर्वासित अवैध भारतीय प्रवासियों का पहला जत्था भारत आया है. जानकारी के मुताबिक अभी कई और अवैध प्रवासी भारत लौट सकते हैं.
इस मामले पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का भी बयान सामने आया है. उन्होंने बुधवार को अपने X हैंडल पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने लिखा कि अमेरिका से भारतीयों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें देखकर एक भारतीय होने के नाते मुझे दुख होता है. उन्होंने साल 2013 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अमेरिका में हथकड़ी लगाई गई थी और स्ट्रिप सर्च किया गया था, तब भारत के विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अमेरिका की राजदूत नैन्सी पॉवेल के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था. तत्कालीन UPA सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. बड़े नेताओं ने अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से भी इन्कार कर दिया था.
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