Hathras Stampede : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में मंगलवार को ‘सत्संग’ के दौरान मची भगदड़ में 121 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.
03 June, 2024
Hathras stampede : ‘बुलाओ ख़ुदायान-ए-दीं को बुलाओ. ये कूचे ये गलियां ये मंज़र दिखाओ…’ मशहूर फिल्म ‘प्यासा’ के गीत की यह पंक्ति उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को हुए भीषण हादसे को बयान करने के लिए काफी है. सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव फुलरई में भोले बाबा के सत्संग के दौरान अचानक भगदड़ मच गई. इस दौरान महिलाओं और बच्चों समेत 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई घायल बताए जा रहे हैं. हादसे के बाद यहां का नजारा बहुत वीभत्स था. हादसा स्थल पर अब भी चप्पलें और बैग (झोले) बिखरे हुए हैं. यह नजारा किसी को भी विचलित कर सकता है कि चंद मिनटों में ही 120 से अधिक हंसती-खेलती जिंदगियां बेजान हो गईं.
दिल दहला देने वाला था मंजर
सिकंदराराऊ ट्रॉमा सेंटर के बाहर दिल दहला देने वाला मंजर था. स्वास्थ्य केंद्र में शव बिखरे पड़े थे. लोग दहाड़े मारकर रो रहे थे, जहां पुलराई गांव में ‘सत्संग में हुई भगदड़ में मृत या बेहोश पीड़ितों को एंबुलेंस, ट्रक और कारों में लाया गया था.
शवों की पहचान में मुश्किल
इस भीषण हादसे के बाद पीड़ितों के परिवार सदमे में हैं और अभी भी कई शवों की पहचान नहीं की जा सकी है. सीएमओ डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि टीमें फिलहाल शवों की पहचान करने के लिए काम कर रही हैं. इन शवों को आसपास के विभिन्न स्थानों पर भेज दिया गया है. कई मरीजों को पहले ही छुट्टी दे दी गई है और बाकी भर्ती मरीजों की हालत स्थिर है.
सदमे में हैं अपनों को खोने वाले लोग
मृतकों में से एक के रिश्तेदार विष्णु ने अस्पताल के बाहर चिंतित नजर आए. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम अपने रिश्तेदार के शव के बारे में अनिश्चित हैं. हम मंगलवार शाम आठ बजे से ही उनके शव की तलाश कर रहे हैं, लेकिन हमें नहीं मिला. अभी तक कोई पुष्टि नहीं मिली है. यहां पर बता दें कि इस सत्संग में उत्तर प्रदेश के कई जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्यों राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी श्रद्धालु पहुंचे थे.
घटना हृदय विदारक : मुख्य सचिव
प्रदेश के मुख्य सचिव का कहना है कि यह घटना बहुत दुखद और हृदय विदारक है. मुख्यमंत्री हर घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं. हमारी पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि घायलों को उचित इलाज मिले. उन्होंने बताया कि भगदड़ के पीछे की वजहों में मुख्य वजह भीड़ है. लोगों के बीच एक होड़ थी जो उनके (भोले बाबा के) वाहन के पीछे भाग रहे थे. यह भी पता चला है कि लोग मिट्टी इकट्ठा कर रहे थे वहां से (जिस रास्ते पर बाबा चले थे) और उसकी पूजा करने लगे, परिणामस्वरूप लोग झुकने लगे और गिरने लगे.
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पहुंचे थे क्षमता से अधिक लोग
मिली जानकारी के अनुसार, 80 हजार लोगों के आने की अनुमति ली गई थी जबकि मौके पर उससे कहीं ज्यादा लोग थे। कार्यक्रम आयोजकों की ओर से चूक हुई है. जान गंवाने वाले ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. फिलहाल कार्यक्रम के लिए काफी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
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