Hathras Stampede Case : हाथरस भगदड़ मामले में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने योगी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि भोले बाबा को राजनीति संरक्षण प्राप्त है.
03 October, 2024
Hathras Stampede Case : हाथरस भगदड़ (Hathras Stampede) मामले में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और BSP प्रमुख मायावती (Mayawati) ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए जोरदार हमला बोला है. इस मामले में हाल ही में 3200 पेजों की चार्जशीट दाखिल की गई जिसमें बोले बाबा का नाम बाहर किया गया है जिस पर मायावती ने सवाल खड़े किए हैं. BSP सुप्रीमो ने कहा कि 11 आरोपियों की लिस्ट से सूरजपाल (Surajpal) उर्फ भोले बाबा का नाम बाहर रखने का मतलब है कि उन्होंने राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है.
मुख्य आयोजक को भी बनाया आरोपी
FIR में सूरजपाल का नाम आरोपियों में नहीं था और 2 जुलाई, 2024 के समागम के मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर (Dev Prakash Madhukar) को एकमात्र आरोपी बनाया गया है. इसके बाद मधुकर समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, उनके वकील ने कहा कि उनमें से एक मंजू यादव (Manju Yadav) इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर हैं, जबकि बाकी के आरोपी अभी भी सलाखों के पीछे ही हैं. हाथरस-सत्संग में भगदड़ मचने के बाद 121 लोगों की मौत हो गई जिनमें ज्यादातर महिलाएं, बच्चों और बुजुर्ग शामिल थे, लेकिन अब FIR में भोले बाबा नाम शामिल नहीं होने की वजह से उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है.
भोले बाबा का नाम बाहर होना जनविरोधी राजनीति
मायावती ने कहा कि आरोपियों की लिस्ट से सूराजपाल उर्फ भोले बाबा का नाम शामिल नहीं होना जनविरोध राजनीति को दर्शाता है, इससे साबित होता है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है जो संवैधानिक और नैतिकता के हिसाब से ठीक नहीं है. मायावती के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पोस्ट भी किया गया है, जिसमें लिखा है कि मीडिया के अनुसार सिकन्दराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 2,300 पेज की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार द्वारा पहले की तरह चुप्पी क्या उचित? ऐसे सरकारी रवैये से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव? आमजन चिन्तित है.
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