Gujarat Electricity Bill: स्मार्ट मीटर ऐप के जरिए लोगों के स्मार्ट फोन से जुड़े होते हैं. ये लोगों को रियल टाइम में रोजाना और महीने के हिसाब से, यहां तक कि हर घंटे के हिसाब से भी बिजली खपत का डेटा मुहैया कराते हैं.
04 June, 2024
Gujarat Smart Meter News: गुजरात में वडोदरा की रहने वाली भाविका मिडिल क्लास इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर हैं. हर किसी की तरह गर्मियों के दौरान इनका भी बिजली का बिल बढ़ जाता है. हालांकि उन्हें दो महीने में एक बार बिजली का बिल मिलता है, इसलिए उनके पास बिजली की खपत को ट्रैक करने का कोई तरीका नहीं था. लेकिन अब ऐसा नहीं है.
मीटर तेज चलने या बिल ज्यादा आने की शिकायत
वडोदरा की निवासी भाविका ने कहा, ‘पहले मीटर में क्या, हमारे हाथ में जो दो महीने के बाद बिल आता है, वो ही हम देख सकते हैं. रोजाना का हम डेटा नहीं देख सकते. हमने कितना आज यूज किया.’भाविका की तरह ज्यादातर लोग मीटर तेज चलने या बिल ज्यादा आने की शिकायत करते हैं इसलिए राज्य बिजली बोर्ड स्मार्ट मीटर लेकर आया है. स्मार्ट मीटर क्या है और ये क्यों जरूरी हैं? इस पर एम-जी-वी-सी-एल के एमडी का क्या कहना है, सुनिए.
डेली इलेक्ट्रिसिटी कंजंप्शन के लिए स्मार्ट मोबाइल एप
एमजीवीसीएल के एमडी तेजस ने बताया, ‘अभी जो कंज्यूमर हैं, उनको हम दो महीने के एंड में बिल करते हैं. इस केस में क्या होगा कि ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग होगा. हम को डे वाइज डेली जितना भी कंजंप्शन है, उसका भी डेटा मिलेगा. इसको हम लोग एक एप्लीकेशन दे रहे हैं स्मार्ट मोबाइल एप पर, जिसके अंदर वो अपने हर घंटे का इलेक्ट्रिसिटी कंजंप्शन है, वो ट्रेक कर सकता है, देख सकता है. डेली इलेक्ट्रिसिटी कंजंप्शन चेक कर सकता है. मंथली कंजंप्शन भी चेक कर सकता है.’ स्मार्ट मीटर ऐप के जरिए लोगों के स्मार्ट फोन से जुड़े होते हैं. ये लोगों को रियल टाइम में रोजाना और महीने के हिसाब से, यहां तक कि हर घंटे के हिसाब से भी बिजली खपत का डेटा मुहैया कराते हैं. इससे भाविका जैसे कंज्यूमरों को बिजली बिल मैनेज करने में मदद मिलती है.
स्मार्ट मीटर एप्लीकेशन ऐसे होता है यूज
वडोदरा निवासी भाविका के अनुसार, ‘मेरे घर पर ढाई महीना हो गया इस स्मार्ट मीटर को लगाए हुए. मैंरे फोन में जो एप्लीकेशन है स्मार्ट मीटर की, मैं हर रोज आधे-आधे घंटे का भी देख सकती हूं और बेनीफिट है कि आज मैंने कितना यूज किया. अभी थोड़ा गर्मी है, तो एसी वगैरह ऑन होता है, तो थोड़ा ज्यादा रीडिंग आता है, बिल आता है. वो बेनीफिट है कि हर एक आधे घंटे का डेटा मिल सकता है कि मैंने इतना यूज किया है, कौन से एप्लाइंसेस यूज करे, तो कितना बिल आ रहा है. मुझे सब घर बैठे, मैं रिचार्ज कर सकती हूं. सब देख सकती हूं वो बेनीफिट है.’ स्मार्ट मीटर के लिए लोगों को अलग से पैसा नहीं देना पड़ रहा है. अब तक ऐसे करीब 27 हजार मीटर लगाए जा चुके हैं. स्मार्ट मीटरों को अपना कर लोग बिजली का बिल मैनेज कर रहे हैं, साथ ही बिजली की बचत भी हो रही है.
यह भी पढ़ें: Bengaluru Record Rain: बेंगलुरू में बारिश का कहर, 2 जून को टूट गया 133 साल का रिकॉर्ड