26 Jan 2024
भारत सरकार ने जींद के लोक कलाकार महावीर गुड्डू को पद्मश्री अवॉर्ड देने का बड़ा ऐलान किया है। महावीर गुड्डू ने हरियाणा की संस्कृति को न सिर्फ देश तक बल्कि विदेश तक पहुंचाने में अपना योगदान दिया है। महावीर गुड्डू ने बताया कि उनके पास कल शाम को 4 बजे मंत्रालय से फोन आया कि, उनको पद्मश्री अवार्ड के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा कि वो ऑफिशियल लिस्ट का इंतजार करते रहे। इसलिए उन्होंने किसी के सामने इस बात का खुलासा नहीं किया। महावीर गुड्डू ने बताया कि बधाई के लिए उनके पास सीएम मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और कृषि मंत्री जेपी दलाल का भी फोन आया था। उन्होंने भी जानकारी दी कि, इस अवॉर्ड के लिए प्रदेश सरकार ने उनका नाम भेजा था ।
कौन हैं महावीर गुड्डू?
महावीर गुड्डू जींद जिले के गांगोली गांव के रहने वाले हैं। हरियाणा की लोक संस्कृति को देश-विदेश तक पहचान दिलाने वाले कलाकारों में गिने जाते हैं। वो पिछले कई सालों से कला के क्षेत्र में एक्टिव हैं। महावीर गुड्डू को इस बात का श्रेय जाता है कि, उन्होंने शिव गायन और बम लहरी को पहली बार कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मंच पर जगह दी थी। साथ ही उन्हें धोती-कुर्ता में सोलो डांस का भी जनक माना जाता है।
देश-विदेश तक पहुंचाई हरियाणवी संस्कृति
बता दें कि पहले के समय में शिव गायन को साधु संत गाते थे, लेकिन महावीर गुड्डू ने धोती- कुर्ता पहनकर मंच पर शिव गायन की शुरुआत की। उन्होंने बम लहरी को हरियाणा के साथ देश-विदेश में भी अलग पहचान दिलाई। उन्होंने धोती-कुर्ता पहनकर पहली बार मर्दाना डांस की शुरुआत की थी। इसमें गांव के कलाकारों को भी शामिल किया गया।
महावीर गुड्डू को मिले कई पुरस्कार
महावीर गुड्डू ने न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी हरियाणवी संस्कृति और कला को फेमस किया। यहां तक की महावीर गुड्डू के अमेरिका के न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में कार्यक्रम हुए। लंदन में भी उन्होंने अपनी कला दिखाई। हालांकि हरियाणा सरकार ने भी उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा है। उन्हें हरियाणा सरकार ने साल 2010 में पंडित लख्मीचंद राज्य पुरस्कार से नवाजा, साल 2014 की बाज की जाए तो हरियाणा कला रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। साल 2019 में उन्हें पंडित लख्मीचंद शिक्षा और संस्कृति पुरस्कार दिया गया। पिछले साल भी उन्हें भारत सरकार के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया।