बलौदा बाजार में स्थापित सीमेंट संयत्रों ने यहां के लोगों का सुख-चैन छीन लिया है. गर्मी आते ही इलाके में पेयजल का संकट शुरू हो जाता है. उद्योग लगने के बाद लोगों को इससे होने वाली समस्याओं से शासन प्रशासन निजात नहीं दिला पाता. ऐसी ही स्थिति फिलहाल बलौदा बाजार की है. लोगों में सीमेंट संयत्रों से निकलने वाली जहरीली गैसों से भोपाल गैस कांड जैसा डर हर वक्त बना रहता है.
बलौदा बाजारः बलौदा बाजार में स्थापिक सीमेंट संयत्रों ने यहां के लोगों का सुख-चैन छीन लिया है. गर्मी आते ही इलाके में पेयजल का संकट शुरू हो जाता है. शहर में उद्योग लगाने के नाम पर विकास के कई दावे किए जाते हैं, लेकिन उद्योग लगने के बाद लोगों को इससे होने वाली समस्याओं से शासन प्रशासन निजात नहीं दिला पाता.ऐसी ही स्थिति फिलहाल बलौदा बाजार की है. लोगों में सीमेंट संयत्रों से निकलने वाली जहरीली गैसों से भोपाल गैस कांड जैसा डर हर वक्त बना रहता है.
श्री सीमेंट फैक्ट्री का विवादों से रहा है पुराना नाता
पहला केसः 23 जनवरी 25 को संयत्र के एएफआर प्लांट में केमिकल जलाने के बाद निकलने वाली जहरीली गैस पूरे गांव में फैल गई.इस गैस से निकलने वाली दुर्गंध से करीब 40 छात्र बेहोश हो गए.बलौदा बाजार में श्री सीमेंट कारखाने से करीब एक से डेढ़ किमी की दूरी पर खपराडीह हाईस्कूल है.इसमें पढ़ने वाले छात्रों को उल्टी, चक्कर आना और सिर दर्द जैसी परेशानी हुई. जिससे 40 छात्र बेहोश हो गए.
इसके बाद कंपनी के एएफआर के फीडिंग सिस्टम और श्रेडर सिस्टम को सील कर दिया गया है. एएफआर से जहरीली गैस उत्सर्जित होना पाए जाने पर जिला प्रशासन, पुलिस, पर्यावरण संरक्षण विभाग ने कार्रवाई करते हुए संयंत्र के नार्थ वेस्ट में स्थित एएफआर एरिया को सील किया है. कंपनी के वैकल्पिक ईंधन और कच्चा माल (एएफआर) के नॉर्थ वेस्ट क्षेत्र को सील करने की कार्रवाई की गई है. बताया गया कि इससे पहले 10 जनवरी और 18 जनवरी को भी इसी तरीके की घटनाएं हुई थीं, जिसे कंपनी प्रबंधन की तरफ से दबा दिया गया था.
दूसरा केसः श्री सीमेंट लिमिटेड को बलौदा बाजार के करही चंडी खपराडीह में खदान के लिए 225.719 हेक्टेयर स्वीकृति दी गई थी. खनिज नियमों का उल्लंघन करने पर बलौदा बाजार के कलेक्टर चंदन कुमार ने 4 जुलाई 2023 को 3 करोड़ 41 लाख 23 हज़ार 250 रुपए की वसूली का आदेश जारी किया था.
तीसरा केसः अगस्त 2018 में कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में निर्माणाधीन श्री सीमेंट फैक्ट्री में क्रेन गिरने से छह श्रमिकों की मौत हो गई थी। यह बताया गया कि एक ही कारखाने में अलग-अलग घटनाओं में चार श्रमिकों की मौत हो गई थी,जिससे जिला कलेक्टर ने कारखाने के सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच का आदेश दिया.
सीमेंट प्लांटों की लापरवाही से गिरा जलस्तर, पेयजल संकट
जब तक बलौदा बाजार में सीमेंट प्लांट स्थापित नहीं थे, तब तक यहां पानी की समस्या ज्यादा नहीं थी. जैसे-जैसै शहर में सीमेंट प्लांट की संख्या बढ़ती गई. प्लांट में होने वाली खुदाई की वजह से पानी का लेवल भी गिरता गया.शहर में पानी का लेवल एक वक्त जहां महज 90 फीट था, वो आज 350 से 400 फीट तक नीचे चला गया है. अधिक जलस्तर घटने से लोगों के घरों के बोर सूखते जा रहे हैं. अधिकतर बोर की गहराई 400 है वो भी सुख चुके हैं । कुछ ऐसे बोर हैं जो मात्र 5 से 10 मिनट ही चल पाते हैं.
खदानों में जमा पानी उपयोग लायक नहीं
नियम के तहत खदानों में खुदाई के बाद उसे फिर मिट्टी से भरना होता है, लेकिन संयंत्र खुदाई करके उसमें से पत्थरों को निकाल कर उसे वैसे ही छोड़ देते हैं, जिससे वहां पानी एकत्र हो जाता है.लोग इन खदानों में एकत्र जल का उपयोग भी नहीं कर पाते हैं.
श्री सीमेंट का क्या है इतिहास
श्री सीमेंट की स्थापना 1979 में बेनू गोपाल बांगुर ने की थी. 1983 में इसने राजस्थान में अपना पहला प्लांट चालू किया , जिसका उत्पादन 1985 में शुरू हुआ। अब इसका मुख्यालय कोलकाता में है.यह क्षमता के हिसाब से भारत की तीसरी सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक कंपनी है. इसके अन्य संयंत्र राजस्थान में ब्यावर, रास, खुशखेड़ा, जोबनेर (जयपुर) और सूरतगढ़, उत्तराखंड में लक्सर (रुड़की), हरियाणा में पानीपत, उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर, छत्तीसगढ़ में रायपुर, झारखंड में सरायकेला और बिहार के औरंगाबाद में स्थित है.
बलौदा बाजार बना छत्तीसगढ़ का सीमेंट हब
बलौदा बाजार को छत्तीसगढ़ का सीमेंट हब भी कहा जाता है . छत्तीसगढ़ में सात सीमेंट प्लांट हैं, जिनमें से चार बलौदा बाजार में हैं. इनमें लाफार्ज, अंबुजा, ग्रासिम और अल्ट्रा-टेक जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं.
एक नजर में बलौदा बाजार
- नगर पालिका परिषद 02 (बलौदाबाजार, भाटापारा)
- नगर पंचायत 06 (सिमगा, लवन, पलारी, कसडोल, टुंड्रा, रोहासी)
- ग्राम पंचायत 519
- कुल ग्राम 738
बलौदा बाजार से श्रीप्रकाश तिवारी की रिपोर्ट