Debate on Constitution In Parliament: गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि देश के लोकतंत्र ने कई तानाशाहों के अहंकार और गुमान को चूर कर दिया.
Debate On Constitution In Parliament: सदन के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में संविधान पर चर्चा के बाद राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत हुई. इस दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा के सदस्यों को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने विपक्ष पर करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें पाताल तक गहरी हैं और इसने कई तानाशाहों के अहंकार और गुमान को चूर-चूर कर दिया है.
संविधान की चर्चा युवाओं के लिए बताया महत्वपूर्ण
राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि संविधान को लेकर दोनों सदन में चर्चा हुई है. यह चर्चा हमारे युवाओं के लिए है. आने वाले समय में सदन में बैठकर देश के भविष्य का फैसला करने वालों के लिए यह चर्चा बेहद महत्वपूर्ण होगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस दौरान यह भी तय होगा कि जब-जब जनता ने जिस-जिस पार्टी को शासन दिया, उसने संविधान का सम्मान किया या नहीं.
साथ ही उन्होंने दावा किया कि आज इस मुकाम पर स्वामी विवेकानंद और अरविंद घोष की भविष्यवाणियां भी सत्य होती दिख रही है. हमारा संविधान, संविधान सभा की रचना दुनिया में अनूठा है. सभी समाजों के प्रतिनिधित्व के साथ मिलकर संविधान बनाया गया. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में शायद ही ऐसा कोई संविधान होगा, जिसका ड्राफ्ट जनता को कमेंट के लिए दिया गया और इनपुट के आधार पर सुधार भी किया गया.
VIDEO | Here's what Union Home Minister Amit Shah (@AmitShah) said while replying to debate in Rajya Sabha on 75 years of Constitution of India.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 17, 2024
"On one hand, this debate will make people realise how the country has moved forward because of the Constitution, and on the other… pic.twitter.com/aAangjQdbF
यह भी पढ़ें: संविधान पर चर्चा में राहुल गांधी ने सुनाई एकलव्य की कहानी, अनुराग ठाकुर ने किया बड़ा पलटवार
गृहमंत्री अमित शाह के संबोधन की बड़ी बातें
•आज 75 साल के बाद संविधान को स्वीकार करने के बाद पीछे मुड़कर देखते हैं तो सरदार पटेल का मैं धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनके अथक परिश्रम के कारण आज एक होकर देश मजबूती के साथ दुनिया के सामने खड़ा है.
•जो कहते थे कि हम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पाएंगे, उनको भी हमारी जनता ने और हमारे संविधान ने खूबसूरती से जवाब दिया.
•कोई यह न समझे कि हमारा संविधान दुनिया के दूसरे संविधानों की नकल है. हमने हर संविधान का अभ्यास जरूर किया, क्योंकि हमारे यहां ऋग्वेद में कहा गया है कि हर कोने से हमें अच्छाई, सुविचार प्राप्त हो और सुविचार को स्वीकारने के लिए मेरा मन खुला हो.
•संविधान की रचना के बाद डॉ अंबेडकर ने एक बात कही थी कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो वह बुरा भी बन सकता है. जिन पर उसे चलाने की जिम्मेदारी है, वह अच्छे नहीं हों तो. यह दोनों घटनाएं हमने संविधान के 75 साल के कालखंड में देखी हैं.
•परिवर्तन इस जीवन का मंत्र और सत्य है. इसको हमारे संविधान सभी ने स्वीकार किया था. इसलिए आर्टिकल 368 में संविधान संशोधन के लिए प्रोविजन किया गया था. अभी कुछ राजनेता आए हैं और 54 साल की आयु में अपने आप को युवा कहते हैं और घूमते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे, संविधान बदल देंगे.
•BJP ने 16 साल राज किया और 22 बार संविधान में संशोधन किया. वहीं, कांग्रेस ने 55 साल राज किया और 77 बार संविधान में परिवर्तन किया.
यह भी पढ़ें: सदन में संविधान पर चर्चा, विपक्ष पर हमलावर हुए पीएम मोदी; जानें किन-किन बातों का किया जिक्र
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram