Death in Hydro-Meteorological Disaster: जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण 2,800 से अधिक लोगों की जान चली गई और 3.47 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए.
Death in Hydro-Meteorological Disaster: लोकसभा में मंगलवार को बेहद चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए गए. आंकड़े के मुताबिक साल इस साल जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण 2,800 से अधिक लोगों की जान चली गई और 3.47 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसमें सबसे ज्यादा मौतें मध्य प्रदेश में हुई हैं. इसके बाद हिमाचल प्रदेश दूसरे और गुजरात तीसरे नंबर पर है.
आपदा में 3.47 लाख घर हुए क्षतिग्रस्त
दरअसल, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में इन आंकड़ों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस साल जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण 2,803 लोगों की मौत हुई.
इसमें सबसे पहले नंबर पर मध्य प्रदेश है. मध्य प्रदेश में 373 लोगों की मौत हुई है. इसके बाद हिमाचल प्रदेश में 358 और गुजरात में 230 लोगों की मौत हुई.
इसके साथ ही 3.47 लाख घर क्षतिग्रस्त भी हुए हैं. इस दौरान 58,835 मवेशी मारे गए और 10.23 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र पर भी गंभीर प्रभाव पड़े हैं.
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नुकसान के आकलन के लिए IMST का गठन
उन्होंने बताया कि 27 नवंबर 2024 तक इस साल के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान का मौके पर आकलन करने के लिए कई राज्यों के लिए कुल 12 IMST यानी अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल का गठन किया गया है.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राज्य आपदा राहत कोष से पहली किस्त में 10,728 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में जारी किए गए हैं.
वहीं, दूसरी किस्त में 4,150 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसके साथ ही राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से कुल 4,043 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. कर्नाटक बाढ़ को लेकर उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से अतिरिक्त सहायता के लिए कोई आग्रह नहीं किया गया है.
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