Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतिम समय में अपना प्रयागराज का दौरा रद्द कर दिया है. इसे लेकर सीएम कार्यालय ने जानकारी साझा की है.
Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतिम समय में अपना प्रयागराज दौरा रद्द कर दिया है. योगी आज यानी शनिवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम क्षेत्र में की जा रही तैयारियों का जायजा लेने वाले थे. इस दौरान सीएम योगी साधु-संतों से मुलाकात कर उनकी आवश्यकताओं एवं सुझावों को भी सुनने वाले थे, लेकिन अचानक उनका कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया. दौरे के रद्द होने का कारण अभी तक सामने नहीं आया है. योगी के आगमन से पहले ही अफसरों ने मौनी अमावस्या की तैयारियों की समीक्षा कर ली थी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
8-10 करोड़ श्रद्धालु के पहुंचने का दावा
सीएम योगी ने मौनी अमावस्या को लेकर अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे. इसमें उन्होंने कहा था कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर 8 से 10 करोड़ लोगों के आने के अनुमान है. ऐसे में मेला क्षेत्र की व्यवस्था को उनके आगमन से पहले बेहतर करने की जरूरत है. सीएम योगी ने कहा कि मेला अधिकारी रेलवे के साथ बातचीत करके महाकुंभ आने वाले लोगों के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन करें. श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए उन्होंने ट्रेनों की संख्या बढ़ाए जाने की भी बात कही थी.
कब है मौनी अमावस्या ?
यहां बता दें कि साल 2025 में मौनी अमावस्या का व्रत 29 जनवरी को रखा जाएगा. इस दिन महाकुंभ मेले में दूसरा शाही स्नान होगा, जिसमें करोड़ो लोगों के स्नान करने आएंगे. ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पूरे विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन पूजा-पाठ करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन गंगा स्नान, दान और पितरों की पूजा के लिए समर्पित होता है. मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत रखने की परंपरा है. इसे जप-तप के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है.
क्या है मौनी अमावस्या व्रत के नियम
गौरतलब है कि इस दिन सुबह उठकर गंगा में स्नान करना आवश्यक है. यदि गंगा स्नान संभव न हो, तो पवित्र नदी के जल से स्नान करने की कोशिश करें. पूरे दिन मौन रहकर ध्यान और जप करें. व्रत के दौरान किसी प्रकार का बोलना वर्जित है. अगर आप दिन भर मौन व्रत नहीं रख सकते हैं, तो स्नान करने समय तक व्रत का पालन करें. व्रत खोलने से पहले भगवान राम या अन्य इष्ट देव का नाम अवश्य लें.
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