MP News : मध्य प्रदेश के भोपाल में जहरीली कचरे को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कचरे को धार जिले में ले जाने से पर्यावरण पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
MP News : भोपाल गैस त्रासदी को 40 साल पूरे हो गए हैं. ऐसे में इतने सालों के बाद यूनियन कार्बाइड कारखाने से करीब 377 टन जहरीला कचरा निपटान के लिए ले जाया गया. इसे लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि बंद हो चुकी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से खतरनाक कचरे को धार जिले की यूनिट में ट्रांसफर करने से पर्यावरण पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
क्या है पूरा मामला?
भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद बंद हो चुकी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 377 टन खतरनाक कचरे को धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ट्रांसफर कर दिया गया है.
क्या बोले मुख्यमंत्री मोहन यादव?
इस मुद्दे पर बात करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यूनियन कार्बाइड से लगभग 377 मीट्रिक टन खतरनाक कचरा भोपाल से हटा दिया गया है. कचरे में 60 फीसदी मिट्टी और लगभग 40 फीसदी रसायन शामिल है. पिछले 40 सालों से भोपाल के लोग इस कचरे के साथ रह रहे हैं. इस जहरीले कचरे को ट्रांसफर करने से पर्यावरण पर कोई प्रभाव या नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है. वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मौजूदगी में सरकारी संगठनों ने इस जहरीले कचरे के निपटान में हिस्सा लिया.
ग्रीन कॉरिडोर का हुआ निर्माण
इसके लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है, जिसके 7 घंटे में धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में पहुंचने की उम्मीद है. करीब 100 लोगों ने कचरे को पैक करने और ट्रकों में लादने के लिए 30 मिनट की पाली में काम किया. ये लोग रविवार से इस काम में जुटे हुए थे. उनकी स्वास्थ्य जांच की गई और हर 30 मिनट में उन्हें आराम दिया गया.
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