Home National Budget 2025 : क्यों लाल रंग की होती है बजट की पोटली? ब्रिटिश दौर से है इसका नाता; जानें पूरी डिटेल

Budget 2025 : क्यों लाल रंग की होती है बजट की पोटली? ब्रिटिश दौर से है इसका नाता; जानें पूरी डिटेल

by Live Times
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 8वां बजट पेश कर चुकी हैं. इस बीच वह पारंपरिक 'बही-खाता' शैली की थैली में बंद एक डिजिटल टैबलेट से बजट पेश करती हैं.

Introduction

Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 8वां बजट पेश कर चुकी हैं. इस बीच वह पारंपरिक ‘बही-खाता’ शैली की थैली में बंद एक डिजिटल टैबलेट से बजट पेश करती हैं. भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2019 में बजट ब्रीफकेस ले जाने की औपनिवेशिक परंपरा को तोड़ा और केंद्रीय बजट कागजात ले जाने के लिए पारंपरिक ‘बही-खाता’ के साथ डिजिटल विकल्प का चुनाव किया. उन्होंने इस रिवाज को अगले वर्ष भी जारी रखा और महामारी से प्रभावित 2021 में, उन्होंने अपने भाषण और अन्य बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए पारंपरिक कागजात को डिजिटल टैबलेट से बदला. निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट प्रस्तुति के लिए लाल कपड़े का चयन किया, जिसे भारतीय परंपरा का प्रतीक कहा जा सकता है. लाल रंग आमतौर पर धार्मिक ग्रंथों को ढंकने के लिए यूज किया जाता है, जो बजट घोषणा में एक सांस्कृतिक स्पर्श जोड़ता है.

Table Of Content

  • 14वां बजट से बड़ी उम्मीद
  • उनकी साड़ी भी रही आकर्षण का केंद्र
  • कब से हुई थी इसकी शुरुआत?
  • ब्रीफकेस का होता था इस्तेमाल
  • ब्रिटिश विरासत की परंपरा
  • समय के साथ बदलते ब्रीफकेस के रंग
  • बजट के दौरान क्यों खास है लाल रंग?
  • 2019 में निर्मला सीतारमण का बयान
  • वित्त मंत्री की साडियों का बजट से नाता

14वां बजट से बड़ी उम्मीद

नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए निर्मला सीतारमण लगतारा 8वां बजट पेश कर चुकी हैं. साल 2014 के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार का ये 14वां बजट है. इसमें साल 2019 और 2024 में आम चुनावों से पहले पेश किए गए दो अंतरिम बजट शामिल हैं. जब पीएम मोदी साल 2019 में फिर से सत्ता में आए और 5 जुलाई, 2019 को अपना पहला बजट पेश किया तो निर्मला सीतारमण को वित्तमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए राष्ट्रीय प्रतीक के साथ सुशोभित एक लाल कपड़े के फोल्डर का इस्तेमाल किया.

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उनकी साड़ी भी रही आकर्षण का केंद्र

वहीं, हर साल की तरह इस साल भी निर्मला सीतारमण की साड़ी ने एक बार फिर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. इस बार का बजट पेश करने के लिए उन्होंने मछली-थीम वाली कढ़ाई और सुनहरे बॉर्डर वाली ऑफ-व्हाइट हथकरघा रेशम की साड़ी पहनी. निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति से मिलने से पहले अपने अधिकारियों की टीम के साथ नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय के बाहर पारंपरिक ‘ब्रीफकेस’ के साथ तस्वीर खिंचवाई. राष्ट्रपति भवन में द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात के बाद टैबलेट को सुनहरे राष्ट्रीय प्रतीक वाले लाल कवर के अंदर सुरक्षित रूप से रखा गया.

कब से हुई थी इसकी शुरुआत?

ब्रिटिश संसद को सभी संसदीय परंपराओं की जननी माना जाता है, इसलिए ‘बजट’ भी इसका अपवाद नहीं है. वर्ष 1733 में जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री (चांसलर ऑफ एक्सचेकर) रॉबर्ट वॉलपोल संसद में देश की माली हालत का लेखाजोखा पेश करने आए, तो अपना भाषण और उससे संबंधित दस्तावेज चमड़े के एक बैग में रखकर लाए. चमड़े के बैग को फ्रेंच भाषा में बुजेट कहा जाता है. बस इसके बाद से लगातार इस परंपरा को पहले बुजेट और फिर कालांतर में बजट कहा जाने लगा. जब वित्तमंत्री चमड़े के बैग में दस्तावेज लेकर वाषिर्क लेखाजोखा पेश करने सदन में पहुंचता तो सांसद कहते थे ‘बजट खोलिए, देखें इसमें क्या है? या ‘अब वित्त मंत्री जी अपना बजट खोलें.

ब्रीफकेस का होता था इस्तेमाल

इसके पहले मोदी सरकार में उनके पूर्ववर्ती अरुण जेटली और पीयूष गोयल समेत विभिन्न सरकारों के वित्तमंत्री बजट पेश करने के लिए ब्रीफकेस का इस्तेमाल करते थे. निर्मला सीतारमण से पहले बजट प्रस्तुति के संबंध में एक लंबे समय से चली आ रही औपनिवेशिक परंपरा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान टूट गई थी. जब तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने शाम 5 बजे के पारंपरिक समय के बजाय सुबह 11 बजे बजट पेश किया था. तब से सभी सरकार सुबह 11 बजे बजट पेश करती आ रही हैं.

ब्रिटिश विरासत की परंपरा

यहां बता दें कि बजट ब्रीफकेस ले जाने की परंपरा ब्रिटिश सरकार की विरासत थी. बजट शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द ‘बोगेट’ से हुई है, जिसका अर्थ है चमड़े की अटैची. बजट केस परंपरा 18वीं शताब्दी में शुरू हुई जब राजकोष के चांसलर या ब्रिटेन के बजट प्रमुख को अपना वार्षिक विवरण प्रस्तुत करते समय ‘बजट खोलने’ के लिए कहा गया. साल 1860 में तत्कालीन ब्रिटिश बजट प्रमुख विलियम ई ग्लैडस्टोन अपने कागजात रानी के मोनोग्राम के साथ एक लाल सूटकेस में रखते थे. बजट ब्रीफकेस अस्तित्व में आया क्योंकि ग्लैडस्टोन के भाषण असाधारण रूप से लंबे थे और उन्हें अपने भाषण के कागजात ले जाने के लिए एक ब्रीफकेस की आवश्यकता थी. हालांकि, भारत में अलग-अलग वित्तमंत्री लाल, काले या भूरे रंग के ब्रीफकेस रखते थे.

समय के साथ बदलते ब्रीफकेस के रंग

भारत के पहले वित्तमंत्री आर के शनमुखम चेट्टी काले रंग का ब्रीफकेस रखते थे. वित्तमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह, जिन्होंने साल 1991 के प्रतिष्ठित आर्थिक उदारीकरण प्रस्ताव पेश किया, एक काला बैग रखते थे. वहीं, 1998-99 का बजट पेश करते समय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने परंपरा से हटकर एक विशेष काले चमड़े का बैग रखा था, जिसमें पट्टियां और बकल लगे थे. जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, यूपीए शासन में वित्त मंत्री के रूप में ब्रिटेन में प्रयुक्त ग्लैडस्टोन बॉक्स से मिलते-जुलते लाल रंग के बॉक्स के साथ संसद में आए तो लोग हैरान हो गए. फरवरी 2019 में अंतरिम बजट पेश करने वाले पीयूष गोयल ब्रीफकेस ले जाने वाले आखिरी वित्तमंत्री थे. वह संसद में लाल रंग का एक कपड़ा लेकर गए. विभिन्न आकार और रंग बदलने के बावजूद वित्तमंत्री का बैग देश के भविष्य और आर्थिक प्रगति के वजन का प्रतीक बना हुआ है. सरकार ने इस विरासत को लगातार बरकरार रखा है, जो इस सदियों पुरानी परंपरा की निरंतरता को उजागर करती है.

बजट के दौरान क्यों खास है लाल रंग?

यहां बता दें कि बजट का दिन बेहद खास होता है और इसमें कई अहम घोषणाएं की जाती है. इससे संबंधित दस्तावेजों को रखने वाला बैग भी खास होता है. इसलिए इसे ऐसे रंग के ब्रीफकेस या बैग में पेश किया जाता है, जो आकर्षक लगे. चूंकि लाल रंग ध्यान आकर्षित करता है, ऐसे में यह रंग महत्वपूर्ण घोषणा के लिए बेहतर ऑप्शन है. इसके अलावा लाल रंग को भारतीय परंपरा का प्रतीक भी माना जाता है. आमतौर पर धार्मिक ग्रंथों को ढकने के लिए भी लाल कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है, इसके चलते भी बजट घोषणा में इस रंग की खास अहमियत है.

2019 में निर्मला सीतारमण का बयान

साल 2019 में अपना पहला बजट पेश करने के तुरंत बाद निर्मला सीतारमण ने कहा था कि मैंने बजट दस्तावेज ले जाने के लिए चमड़े के बैग का उपयोग क्यों नहीं किया? मैंने सोचा कि अब समय आ गया है कि हम ब्रिटिश हैंगओवर से आगे बढ़ें, अपने दम पर कुछ करें. खैर, मेरे लिए भी इसे ले जाना आसान है.

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Conclusion

वित्त मंत्री की साडियों का बजट से नाता

बजट के साथ-साथ लोगों का ध्यान वित्तमंत्री की साड़ी और उसके कलर पर भी होता है. वो हमेशा अलग और बेहद खास साड़ी पहनकर बजट पेश करने पहुंचती हैं. साल दर साल उनके बजट का लुक बदलता रहा है. खास बात ये है कि वो हर साल हैंडलूम की अलग साड़ी पहनकर संसद पहुंचती हैं. ऐसे में हर साल उनके साड़ी का कलर कुछ दर्शाता है.

2025-26 का बजट लुक

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट को पेश कर चुकी हैं. इस बार उन्होंने क्रीम रंग की हैंडलूम साड़ी पहनी जिसमें गोल्डन बॉर्डर के साथ खूबसूरत प्रिंट बने हुए थे. मछली प्रिंट की इस साड़ी में निर्मला सीतारमण अपनी सादगी में काफी खूबसूरती लग रही थीं. निर्मला सीतारमण ने लाल गोल्डन बॉर्डर वाले ब्लाउज के साथ ही मैचिंग क्रीम रंग की शाॅल को कैरी किया. उनकी साड़ी मधुबनी कला से इंस्पायर थी. उनकी साड़ी के पूरे बॉडर पर मछलियां बनी है. इसे पौराणिक कथा से जोड़कर देखा जा सकता है जिसके मुताबिक कहा जाता है कि माता लक्ष्मी ने मत्स्य अवतार लिया था और मछली को धन का प्रतीक भी माना जाता है.

2024 का बजट सत्र

साल 2024 में सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद वित्तमंत्री ने बजट पेश किया था. इस दौरान उन्होंने सफेद रंग की साड़ी पहनी थी, जिस पर पर्पल और गोल्डन रंग का बॉर्डर बना था. इसके साथ उन्होंने पर्पल रंग का ही हाफ स्लीव ब्लाउज कैरी किया, जो उनके लुक को काफी एलिगेंट बना रहा था.

2024 का अंतरिम बजट सत्र

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट सत्र के दौरान वित्तमंत्री नीले रंग की साड़ी में संसद पहुंची थीं. उनकी इस साड़ी पर आइवरी रंग का प्रिंट था. अपने लुक को एलिगेंट बनाने के लिए उन्होंने गले में चेन कैरी की और हाथ में सोने के कड़े पहने थे.

2023 का लुक

साल 2023 के बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री ने लाल रंग की संबलपुरी साड़ी पहनी, जिस पर पारंपरिक टेम्पल बॉर्डर बना था. इस साड़ी को तैयार होने में कई दिनों का समय लगा था.

2022 का लुक

वर्ष 2022 में बजट सत्र के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हैंडलूम सिल्क की ब्राउन कलर की साड़ी पहनी थी. अपनी इस साड़ी के साथ उन्होंने डार्क मैरून कलर का ब्लाउज मैच किया था. वित्तमंत्री को अक्सर ऐसी ही हैंडलूम की साड़ियां पहने देखा जाता है. हैंडलूम की साड़ी उनकी पसंदीदा साड़ियों में से एक है.

2021 का लुक

2021 में बजट पेश करने के दौरान वित्तमंत्री लाल और ऑफ व्हाइट सिल्क पोचमपल्ली साड़ी पहने नजर आईं. उनकी इस साड़ी पर ऑफ व्हाइट डिटेलिंग और गोल्डन बॉर्डर दिया हुआ था. पोचमपल्ली साड़ी रेशम इकत की बनी हुई होती हैं. जटिल डिजाइनों और जीवंत रंगों के लिए प्रसिद्ध पोचमपल्ली रेशम इकत साड़ी भारत की सुंदरता, शिल्प कौशल और सांस्कृतिक विरासत को समाहित करती है.

2020 का लुक

2020 के बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री ने दक्षिण भारत की पहचान कांजीवरम साड़ी को चुना. वित्त मंत्री की इस पीले रंग की साड़ी पर खूबसूरत सा गोल्डन बॉर्डर बना था, जिस वजह से साड़ी का लुक खूबसूरत दिख रहा था.

2019 का लुक

अपने पहले बजट सत्र के दौरान 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुलाबी रंग की साड़ी पहनीं थीं. उनकी इस साड़ी पर भी खूबसूरत सा गोल्डन बॉर्डर था. गले में गोल्ड की चेन और हाथ में बही खाता उनके लुक को काफी अलग बना रहा था.

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