18 January 2024
बिलकिस बानो केस में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, एक दोषी गोविंदभाई नाई ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। उसने कोर्ट से सरेडंर के लिए और मोहलत मांगी हैं। गोविंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर, सरेडंर के लिए 2 हफ्ते के बजाए 4 हफ्ते की मोहलत देने की मांग की हैं। दोषी ने याचिका में अपने माता-पिता की देखभाल की बात कही हैं।
मामले के एक दोषी गोविंद नाई ने अपनी याचिका में कहा, कि उनके माता पिता बहुत बुजुर्ग है। और वो अपने माता-पिता की देखभाल कर रहा हैं। उसके माता-पिता की देखभाल करने वाला वो एक ही व्यक्ति हैं। इसलिए कोर्ट उसे सरेंडर के लिए दो की जगह चार हफ्ते का समय दें।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए बिलकिस बानो मामलें में, 11 दोषियों को दी गई रिहाई को रद्द किया गया था। कोर्ट की तरफ से दोषियों को दो हफ्ते में जेल में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया था। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगाई थी।
क्या है मामला?
27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के उस कोच को जलाया गया था, जिस ट्रेन से कारसेवक लौट रहे थे। आग लगने से कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। जिसके बाद वहां दंगे भड़क गए थे। दंगों के दौरान अपनी जान बचाने के लिए बिलकिस बानो अपनी बच्ची और परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थी। लेकिन जहां बिलकिस बानो और उनका परिवार छिपा था, वहां 20 से 30 लोगों की भीड़ पहुंची और तलवार-लाठियों से उन पर हमला कर दिया था। भीड़ ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया, और उनके परिवार के 7 सदस्यों को मार दिया गया था। जिसमें बिलकीस की 5 साल की बच्ची भी शामिल थी। उस समय बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं।