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Ayodhya में मस्जिद की जमीन को लेकर हुई हेराफेरी ! महिला बोली- सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगी

by Live Times
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Ayodhya mosque manipulation regarding land woman I door Supreme Court

Ayodhya Mosque : अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए जो जमीन आवंटित की गई थी, उस पर दिल्ली की एक महिला ने दावा ठोक दिया है. उनका कहना है कि वह न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी.

28 July, 2024

Ayodhya Mosque : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए जो जमीन दी गई थी उस पर दिल्ली की रहने वाली महिला रानी पंजाबी ने अपना दावा ठोक दिया है. महिला के दावे को मस्जिद निर्माण के लिए गठित इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ट्रस्ट प्रमुख जुफर फारूकी (Zufar Farooqi) ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि रानी पंजाबी के दावे को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साल 2021 में ही खारिज कर दिया था.

मस्जिद का निर्माण इस साल के अंत में शुरू होगा

जुफर फारूकी ने कहा कि मस्जिद निर्माण के साथ कई परियोजनाओं का कार्य इस साल के अंत में शुरू हो जाएगा. बता दें कि रानी पंजाबी ने दावा किया कि साल 2019 में बाबरी मस्जिद में फैसले के बाद धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रशासन ने 5 एकड़ जमीन मुहैया कराई गई थी, वो उनके परिवार के स्वामित्व वाली 28.35 एकड़ जमीन का हिस्सा है. रानी पंजाबी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि जमीन के सभी दस्तावेज उनके पास हैं और वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी.

पिता ज्ञान चंद पंजाबी की है जमीन

महिला ने कहा कि विभाजन के बाद उनके पिता ज्ञान चंद पंजाबी को पंजाब (पाकिस्तान) छोड़कर फैजाबाद की ओर आना पड़ा, जहां उन्हें पीछे छोड़ी गई जमीन के बदले 28.35 एकड़ जमीन आवंटित हुई. उन्होंने बताया कि इस जमीन पर उनका परिवार साल 1983 तक इस जमीन पर खेती करता रहा था, फिर पिता ज्ञान चंद पंजाबी की तबीयत खराब होने के बाद पूरा परिवार दिल्ली आ गया. उसके बाद जमीन का धीरे-धीरे करके अतिक्रमण होने लगा. रानी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मस्जिद निर्माण को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन प्रशासन उनके साथ भी न्याय करे.

घेरी हुई जमीन पर मस्जिद बनाना जायज नहीं

उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म में किसी की घेरी हुई जमीन पर मस्जिद का निर्माण करना जायज नहीं है. इस पूरे मामले पर जुफर फारूकी ने कहा कि परियोजना को लेकर किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है. जहां तक महिला के दावे की बात है तो वह साल 2021 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में केस हार चुकी हैं. कुछ एक-दो मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाया जा रहा है और हम उम्मीद करते हैं कि अक्टूबर में मस्जिद का काम शुरू हो जाएगा.

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