Assam Coal Mine News: अवैध कोयला खनन के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है और कई मासूम लोगों की जान गई है. इस तरह की मौतों की कम रिपोर्टिंग हो पाती है.
Assam Coal Mine News: असम के टीम दीमा हसाओ से बड़ी जानकारी सामने आ रही है. कोयला खदान के अंदर फंसे नौ श्रमिकों में से एक श्रमिक ने दम तोड़ दिया. 8 मजदूर अभी भी खदान में फंसे हुए हैं. उनके रेस्क्यू में अब एयरफोर्स की एक टीम एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर से साथ तैनात कर दी गई है. इसके अलावा NDRF और SDRF की टीमें भी तेजी से रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई हैं. ऐसे में हम आपको बताते हैं रैट माइनर्स की क्या है कहानी.
85 फीट नीचे देखा गया था शव
गोताखोरों ने शव को खदान से बाहर निकाल लिया है. हालांकि, अभी उस शव की पहचान नहीं हो पाई है. बचाव कार्य में जुटे एक गोताखोर ने दावा किया कि शव सतह से लगभग 85 फीट नीचे देखा गया था. पानी ज्यादा होने के कारण अंदर दृश्यता बहुत कम थी. बता दें कि यह हादसा 6 जनवरी को हुआ था. दरअसल, कुछ मजदूर खदान में कोयला निकाल रहे थे. इसी दौरान बारिश होने के कारण खदान में 100 फीट तक पानी भर गया.
असम में दिमा हसाओ जिले के उमरांगसो में 21 गोताखोरों ने आज 48 घंटे से अधिक समय के बाद अवैध कोयला खदान में फंसे खनिकों में से एक का शव निकाल लिया है। मृतक की पहचान नेपाल के निवासी के रूप में की गई है। खदान में फंसे अन्य मजदूरों को बचाने का अभियान जारी है।#Assam | #AssamCoalMine pic.twitter.com/IP3ewob4YX
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) January 8, 2025
इस दौरान 9 मजदूर खदान में फंस गए. 6 जनवरी को ही असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि उन्होंने NDRF और SDRF के अलावा सेना की सहायता मांगी है. कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि यह खदान रैट माइनर्स की है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी मंगलवार को अपने एक X पोस्ट में दावा किया था कि यह खदान अवैध प्रतीत हो रही है और इस घटना में पुलिस ने खदान के मालिक पुनीश नुनिसा को भी गिरफ्तार कर लिया है. न्यूज एजेंसी PTI ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि बाढ़ अचानक आई, जिससे मजदूरों को निकलने का समय ही नहीं मिल पाया.
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अनगिनत मासूम लोगों की गई जान
बता दें कि असम में इस तरह की कई अवैध खदानें हैं और रैट माइनर्स कोयला निकालने के लिए इन खदानों का इस्तेमाल करते हैं. लैंड कॉनफ्लिक्ट वॉच वेबसाइट की ओर से पिछले साल जनवरी में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि असम के कई इलाकों में कई सालों से अवैध कोयला खनन जारी है. रिपोर्ट के मुताबिक, अवैध कोयला खनन के कारण पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है और अनगिनत मासूम लोगों की जान गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अवैध काम करने वाले लोग भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि शव या तो हमेशा के लिए उन्हीं खदानों में छोड़ दिए जाते हैं. बता दें कि पिछले साल प्रांजल मोरन नाम का शव 40-50 फीट की गहराई में छिपा कर रखा गया था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस तरह की मौतों की कम रिपोर्टिंग हो पाती है. खदानों में पानी भर जाने के कारण श्रमिकों की मौत होना आम है. रिपोर्ट में बताया गया कि अवैध काम करने वाले लोग आमतौर पर बंगाली भाषी प्रवासी और बाहरी लोगों को ऐसी खदानों में काम के लिए रखते हैं. इस मामले में कई अवैध खदान मालिकों को गिरफ्तार भी किया गया है.
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