Home National 10 हजार विशेष अतिथि, भीष्म टैंक, सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन, गणतंत्र दिवस पर क्या होगा खास?

10 हजार विशेष अतिथि, भीष्म टैंक, सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन, गणतंत्र दिवस पर क्या होगा खास?

by Sachin Kumar
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76th Republic Day Droupadi Murmu Prabowo Subianto Kartavya Path Parade

76th Republic Day : 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और इंडोनेशिया के प्रेसिडेंट सुबियांटो पारंपरिक बग्गी पर सवार होकर कर्तव्यपथ पर आएंगे.

76th Republic Day : देश 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है और इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कर्तव्य पथ पर राष्ट्र का नेतृत्व करेंगी. इस बार रिपब्लिक डे ज्यादा खास होने वाला है क्योंकि संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं. साथ ही इस खास मौके पर हर साल कर्तव्य पथ पर राष्ट्र का गौरव, सांस्कृतिक विरासत से लेकर सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है. वहीं, कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में VVIP गणमान्य व्यक्तियों, पैरालंपिक दल के सदस्य, शीर, प्रदर्शन करने वाले गांवों के सरपंच, हथकरघा कारीगर और वन एवं वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ताओं समेत 10 हजार से अधिक विशेष अतिथि शामिल होंगे.

पारंपरिक बग्गी में आएंगे दोनों राष्ट्रपति

गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (Droupadi Murmu) कर्तव्यपथ पर राष्ट्र का नेतृत्व करेंगी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो (Prabowo Subianto) इस बार मुख्य अतिथि होंगे. वहीं, परेड के दौरान इंडोनेशिया का एक मार्चिंग दल और एक बैंड दल परेड में हिस्सा लेगा. दूसरी तरफ रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि भारत और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पारंपरिक बग्घी में आएंगे, यह परंपरा 40 वर्षों के बाद एक बार फिर 2024 में फिर से शुरू की गई. प्रबोवो सुबियांटो रिपब्लिक डे में शामिल होने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति होंगे. वहीं, इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे और खास बात यह है कि संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं तो इतिहास का चक्र ऐसा घूमा कि 75 वर्ष के बाद एक बार फिर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि बने हैं.

परेड में झलकेगा देश का गौरव

संविधान लागू होने की 75वीं वर्षगाठ पर कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ थीम पर आधारित होगी. इस दौरान विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की 15 झांकियां इस समारोह में शामिल होंगी. इस परेड में देश हमेशा की तरह इस बार भी सैन्य शक्ति और गणतंत्र के रूप में अपनी यात्रा का प्रदर्शन करेगा.

इसी कड़ी में ब्रह्मोस, पिनाका और आकाश समेत कुछ अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन करने के लिए तैयार है. इसके अलावा सेना की युद्ध निगरानी प्रणाली ‘संजय’ और DRDO की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल ‘प्रलय’ पहली बार समारोह में प्रदर्शन करेगी. वहीं, अधिकारियों की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार टी-90 ‘भीष्म’ टैंक सारथ, शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम 10 मीटर, नाग मिसाइल सिस्टम, मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम ‘अग्निबाण’ और ‘बजरंग’ (लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल) भी परेड का हिस्सा होंगे.

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